उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने इस बार उन 80 सीटों पर खास फोकस किया है जहां 2017 में पार्टी चुनाव नहीं जीत पाई थी. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान की शुरुआत की है. वह उन जिलों में जा रहे हैं और जनसभाएं कर रहे हैं जिस सीट पर पार्टी 2017 में चुनाव नहीं जीती थी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बदायूं में सहसवान विधानसभा और शाहजहांपुर में जलालाबाद विधानसभा में जनसभाएं की और दोनों ही जिलों को करोड़ो की सौगात दी.
फिर उसके बाद ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा गठबंधन से अलग हो गई तो उसकी 4 सीटों को भी पार्टी ने हारी हुई सीटों में शामिल कर लिया जिसके बाद ऐसी सीटों की संख्या 82 हो गयी थी.
मुख्यमंत्री ने यह अभियान शुरू किया है दरअसल रणनीति के पीछे वजह साफ है 80 से ज्यादा सीटों पर 2017 में जब बीजेपी नहीं जीती तो यहां जिस पार्टी का विधायक जीता है उसके खिलाफ कहीं ना कहीं एक माहौल जनता के बीच बना है, और उसी का फायदा बीजेपी उठाना चाहती है.
इसी तरह की रणनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी लोकसभा चुनाव में रहती है. कई बार वो हिंदी भाषी प्रदेश के अलावा ऐसे राज्यों में काफी मेहनत करते है जहां बीजेपी पहले चुनाव नहीं जीत पाती थी.