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मूसेवाला मर्डर केस में NIA का खुलासा, बिश्नोई गैंग के लिए पाकिस्तानी शख्स ने किया था ऐसा…

फेमस पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसे वाला हत्याकांड में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बड़ा खुलासा किया है। मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल हथियारों की आपूर्ति पाकिस्तानी शख्स ने की थी।

नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि 29 मई 2022 को हुए मूसेवाला हत्याकांड में पहली बार किसी पाकिस्तानी नागरिक की सीधी भूमिका सामने आई है। एनआईए ने इस बात का खुलासा भी किया कि कैसे इस पाकिस्तानी शख्स ने गोल्डी बराड़ से पुराने रिश्तों की धौंस जमाकर भारत में अपने हथियारों की सप्लाई शुरू करने योजना बनाई और सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड से कुछ दिन पहले लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कांटेक्ट किया था।

एनआईए ने इस पाकिस्तानी नागरिक की पहचान हामिद के रूप में की है। यह दुबई में हथियारों का प्रमुख सप्लायर है। हामिद ने मूसेवाला की हत्या से पहले दुबई में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के बुलंदशहर स्थित पुराने हथियार सप्लायर शाहबाज़ अंसारी से भी मुलाकात की थी और बिश्नोई के कनाडा स्थित करीबी सहयोगी गैंगस्टर सतिंदरजीत सिंह उर्फ ​​​​गोल्डी बरार के साथ अपने करीबी संबंधों के बारे में उसे बताया था।

बता दें कि पिछले साल 29 मई को पंजाब के मनसा जिले के जवाहरके गांव में छह बदमाशों ने असॉल्ट राइफलों और पिस्तौल से मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। गायक एक कांग्रेस नेता भी थे। हृदय विदारक इस घटना से एक दिन पहले आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने कम से कम 400 अन्य लोगों के साथ उनकी सुरक्षा वापस ले ली थी। इस हत्याकांड में गोल्डी बराड़ ने हत्या की जिम्मेदारी ली थी।

एनआईए ने अदालत में प्रस्तुत किए दस्तावेज में कहा है, “जांच से पता चला है कि शाहबाज अंसारी (एनआईए द्वारा 8 दिसंबर 2022 को बुलंदशहर से गिरफ्तार) ने कई बार दुबई का दौरा किया और इन यात्राओं के दौरान, वह फैज़ी खान नाम के एक शख्स के संपर्क में आया, जो एक पाकिस्तानी नागरिक है और दुबई में हवाला ऑपरेटर के रूप में काम करता है। फैजी खान ने अंसारी को हामिद से मिलवाया, जो एक पाकिस्तानी नागरिक और हथियार तस्कर भी है। ऐसी ही एक बैठक के दौरान, अंसारी और हामिद ने हथियारों की तस्करी के कारोबार और भारत में हथियारों और गोला-बारूद की खेप की आपूर्ति के बारे में चर्चा की थी।”

एजेंसी ने आगे कहा है कि अंसारी और उसके मारे गए पिता कुर्बान अंसारी बिश्नोई गिरोह के लिए हथियारों का मुख्य स्रोत थे और “यह पता चला है कि मूसेवाला की हत्या में उन्हीं हथियारों का इस्तेमाल किया गया था”। जांचकर्ता हामिद और फैजी खान के साथ-साथ अंसारी के साथ उनके हथियार आपूर्ति नेटवर्क के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं।

मूसेवाला की हत्या की योजना का विवरण देते हुए एनआईए दस्तावेजों में आगे कहा गया है, “सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की जांच के दौरान पता लगा कि आरोपी अलग-अलग जेलों में बंद थे – लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया (तिहाड़ में), मनप्रीत उर्फ ​​मन्ना (फ़िरोज़पुर), सारज सिंह उर्फ मंटू स्पेशल जेल (बठिंडा) में और मनमोहन सिंह उर्फ ​​मोहना (मनसा जेल में) लेकिन ये सभी सतिंदरजीत सिंह उर्फ ​​गोल्डी बराड़ के संपर्क में थे, जिन्होंने शूटरों को मूसेवाला को मारने का काम सौंपा, जब गायक की सुरक्षा कम कर दी गई।”

“इस बैठक के दौरान, हामिद ने अंसारी को यह भी बताया कि हम शुभदीप सिंह उर्फ ​​​​सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को असॉल्ट राइफल और अन्य हथियार की आपूर्ति करने जा रहे हैं। हामिद ने कहा कि वे गोल्डी बरार के संपर्क में हैं और उसे कई बार हथियार मुहैया कराए हैं।” एनआईए के मुताबिक, अपने दावे में हामिद ने अंसारी को अपना फोन दिखाया जिसमें बराड़ को हथियारों की आपूर्ति से संबंधित एक ऑडियो रिकॉर्डिंग थी।

 

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