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बांदा गौशाला में सीएम योगी का निर्देश बेअसर, इलाज की कमी और भूख से दो दिनों में 26 गायों की मौत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोवंश को संरक्षित करने के कड़े निर्देशों के बावजूद बांदा के जिला कलेक्टर कोई सबक लेते नहीं दिखते. बांदा के पैलानी, खपतिहा की सरकारी कान्हा गौशाला में भूख-प्यास और इलाज की कमी से तड़पकर एक साथ 26 गायों की मौत का मामला गरमा गया है. स्थानीय लोगों और समाजसेवियों ने इस मामले में जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

ग्रामीणों ने बताया कि बीते दो दिनों में यहां 26 गायों की मौत हो गयी है. सबसे ज्यादा तकलीफ इस बात की है कि गौशाला में रोजाना 3-4 गायों की मौत हो रही है और कोई देखने वाला नहीं है. लोगों ने आरोप लगाया है कि गोवंश की मौत के बाद उन्हें निर्धारित प्रक्रिया से नहीं गुजारा जाता है और बिना पोस्टमार्टम कराए ट्रैक्टर में डलवाकर फेंकवा दिया जाता है.

इस बार जानकारी मिलने के बाद भी प्रशासन की ओर से अभी तक मृत गायों को गौशाला से हटाया नहीं गया है. न ही उनका पोस्टमार्टम कराया गया है. उप जिला कलेक्टर के सामने गौवंश के शव को गौशाला के अंदर कुत्ते और चील-कौए नोंचकर खा रहे थे. TV9 भारतवर्ष की टीम के पहुंचने पर उन्होंने बीते दो दिनों में 25 गायों की मौत की बात स्वीकार की.

उप जिला कलेक्टर ने बताया कि इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने 8 दिसम्बर को तिंदवरी गौशाला का निरीक्षण किया था. तब उन्होंने काफी नाराजगी जाहिर करते हुए सुधार के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद कोई अधिकारी सुनने के लिए तैयार नहीं है. पैलानी खपतिहा के कान्हा गौशाला में इंचार्ज के पद पर तैनात संतोष के मुताबिक वहां 656 गोवंश रखे गए हैं. उन्होंने बताया कि कई बार बुलाने के बावजूद इस गौशाला में वेटरनरी डॉक्टर नहीं आता. मरनेवाले गोवंशों का पोस्टमार्टम नहीं होता. ऐसी हालत में हम बीमार गोवंश को इलाज दे पाने में असमर्थ हैं.

तिंदवरी के विधायक ब्रजेश प्रजापति ने बताया कि यह गौशाला मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. एक माह में बांदा की सरकारी गौशालाओ में 150 गायों की मौत हो चुकी है. भूख, प्यास, बढ़ती ठंड और दवा की कमी के चलते हम गोवंश को खो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर जिला कलेक्टर ने इस मामले में जल्दी कई ठोस कदम नहीं उठाया और गोवंश की मौत पर उनका यही रवैया रहा तो मुख्यमंत्री से शिकायत करूंगा. प्रजापति ने बताया कि पहले भी सीएम योगी को लिखे एक पत्र में उन्होंने सरकारी गौशाला में हो रही गौवंश की मौतों का जिक्र किया था.

करीब एक महीने पहले से संचालित इस सरकारी गौशाला में अनियमितता की तमाम शिकायतें सामने आती रही हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि गौशाला का भूसा, बसीन (हरा चारा), गुड़ जैसी चीजों को बेच दिया जाता है. वहीं गायों को भूसा की जगह पुआल काटकर खिलाया जाता है. इसी की वजह से उनकी मौत हो रही है.

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