तेल और गैस की कीमतों में आग लगने के बाद अब बिजली का झटका भी लग सकता है. बिजली की कीमतों में बढ़ोत्तरी की उम्मीद जताई जा रही है. पावर एक्सचेंजों में बिजली की औसत दर 6 रुपये प्रति यूनिट से ज्यादा रहने की उम्मीद है.
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है. रिपोर्ट में दावा कि कि तमाम पावर एक्सचेंजों में इस बार बिजली की औसत दर 6 रुपये प्रति यूनिट से ज्यादा रह सकती है. ये पिछले 5 सालों की सबसे उच्चतम दर होगी.
कोयले की कमी से गहरा रहे संकट के बीच पावर एकस्चेंजों में बेची जाने वाली बिजली की कीमतों के उच्च स्तर पर बने रहने की संभावना व्यक्त की गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को माना गया है.
रेटिंग एजेंसी की अगर माने तो जो स्थिति बन रही है उसकी वजह से पावर सेक्टर की निजी कंपनियों फायदा पहुंचने वाला है. देश में अभी तक निजी क्षेत्रों में 73 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित है.
जिसमें से 36 हजार मेगावाट क्षमता के प्लांट ने किसी भी बिजली वितरण कंपनियों के साथ कोई बिजली खरीद समझौता नहीं किया है. पावर एक्सचेंज में बिजली की कीमत बढ़ी होने से इन कंपनियों का राजस्व बढ़ जाएगा.