लखनऊ। सीएसआईआर के ‘एक सप्ताह एक प्रयोगशाला’ कार्यक्रम के अंतर्गत आज सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप) द्वारा कैम्पस में किसान मेले का भव्य शुभारंभ हुआ। आज मेले के मुख्य अतिथी सूर्य प्रताप शाही, कैबिनेट मंत्री, वित्त कृषि, कृषि शिक्षा और कृषि अनुसंधान उत्तर प्रदेश शासन थे तथा विशिष्ट अतिथि इंजी. अनिल कुमार यादव, निदेशक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और डॉ जीएन सिंह, मुख्यमंत्री सलाहकार उत्तर प्रदेश शासन थे।
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इस दौरान मुख्य अतिथि द्वारा चंदन का पौधा रोपण किया गया तथा उसके उपरांत सीएसआईआर की 08 प्रयोगशालाओ के स्टालों का भी उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर निदेशक सीएसआईआर-सीमैप ने किसानो को सीमैप द्वारा उनकी आय मे वृद्धि हेतु किए जा रहे प्रयासो को विस्तृत रूप से बताया। उन्होने सीएसआईआर-अरोमा मिशन के तहत 30,000 हेक्टेयर के लगभग अतिरिक्त भूमि में सगंध पौधों की खेती, भारत द्वारा लेमनग्रास मे आत्मनिर्भरता तथा मिंट मे अग्रणी निर्यातक के रूप मे सीमैप के योगदानों की विशेष रूप से चर्चा की।
इंजी. अनिल कुमार यादव ने सीएसआईआर-सीमैप के प्रयासों की सराहना की और राज्य सरकार से राज्य सुगंध मिशन शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने के लिए औषधीय और सुगंधित पौधों खेती तथा प्रशंकरण की व्यापक गुंजाइश है। इस अवसर पर डॉ. जीएन सिंह, मुख्यमंत्री सलाहकार, उत्तर प्रदेश शासन ने कहा कि यूपी सरकार ने सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के सहयोग से किसानों की आय में सुधार के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सीएसआईआर की प्रौद्योगिकियों को लागू करने के लिए नोडल लैब होने के नाते सीमैप बहुत मददगार होगा।
समारोह में किसान मेला स्मारिका “औस ज्ञान्या” का विमोचन, यूवी प्रोटक्शन हर्बल प्रोडक्ट सिम-कायाकवच, मेंथा की वैकल्पिक खेती की कृषि तकनीकी पुस्तिका एवं सीमैप द्वारा विकसित उन्नत प्रजातियों एवं तकनीकियों की जानकारी के लिए QR-code रिलीज किया गया।
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मुख्य अतिथि ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सीमैप द्वारा औंस प्रजातियों की नई किस्मों, मूल्यवर्धन और प्रसंस्करण सुविधाओं को विकसित करके किसान के आर्थिक उत्थान की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।उन्होंने खाद्य फसलों की खेती को बढ़ाने और खाद्य फसलों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने किसान को आय बढ़ाने के लिए पारंपरिक फसलों के साथ औषधीय और सुगंधित फसलों को शामिल करने पर जोर दिया।
किसान मेले में देश के विभिन्न राज्यों जैसे उत्तर प्रदेशए बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, असम माउंट आबू, मणिपुर राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, उत्तराखंड से लगभग 3000 किसानों व उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्य एवं विशिष्ट अतिथि को डॉ त्रिवेदी द्वारा खस के गुलदस्ते, खास की माला एवं ‘एक सप्ताह एक प्रयोगशाला’ का मेमेंटो से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार भाषण डॉ संजय कुमार द्वारा किया गया।
इस मेले का मुख्य आकर्षण औषधीय एवं सगंध पौधों के बाज़ार की जानकारी, उन्नत पौध सामग्री व प्रकाशनों का विक्रय, उन्नत क़िस्मों व सीमैप उत्पादों का प्रदर्शन, आसवन इकाईयों प्रसंस्करण का सजीव प्रदर्शन। सीएसआईआर-सीमैप की विभिन्न प्रयोगशालाओ, उद्योगों तथा सीमैप लाभार्थी किसानो द्वारा विकसित उत्पाद एवं तकनीकी का प्रदर्शन एवं वितरण किया गया। इस वर्ष किसान मेला मे आए हुये किसानों को महत्वपूर्ण आऊस फसलों की उच्च गुणवत्ता की बीज एवं पौध सामाग्री उपलब्ध करायी गई जिनमे मुख्यत: मेंथा, कालमेघ, खस, पामारोजा, अश्वगंधा, सतावर, मूसली, तुलसी, गिलोय, नीबूघास, आदि। किसान मेला मे आज ‘कोसी’, ‘सिम-क्रांति’ तथा ‘सिम-उन्नति’ की 2000 किलो की रोपण सामग्री किसानो को प्रदान की गई।