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जिले में परिवार नियोजन की आधुनिक विधि में पहुँच व जागरूकता बढ़ी

• नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे (2020-21) की रिपोर्ट में परिवार नियोजन में हुआ सुधार
• स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पीएसआई के सहयोग से आयोजित हुई कार्यशाला

कानपुर नगर। परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत स्थायी व अस्थायी साधनों को लेकर समुदाय में पहुँच के साथ ही साथ जागरूकता भी बढ़ी है। इसका सुखद परिणाम जनपद में देखने को मिल रहा है। हाल ही में जारी हुये नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे (2020-21) एनएफ़एचएस-5 के अनुसार परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत किसी भी प्रकार के आधुनिक (अस्थायी) विधियों में कानपुर जनपद की उपलब्धि 59.4 फीसदी है। जबकि एनएफ़एचएस-4 (2015-16) में आधुनिक विधियों में 39.5 प्रतिशत था। वहीं एनएफ़एचएस-5 के अनुसार ही परिवार नियोजन की किसी भी विधि (स्थायी व अस्थायी) में जनपद की उपलब्धि 78.7 फीसदी है जबकि एनएफ़एचएस-4 में 59.8 प्रतिशत था। यह चर्चा मंगलवार को जनपद के एक स्थानीय होटल में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में ‘द चैलेंज इनिशिएटिव हेल्थ सिटीज इंडिया (टीसीआईसीएच) – पॉप्युलेशन सर्विस इंडिया (पीएसआई)’ के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में की गयी। यह कार्यशाला परिवार नियोजन कार्यक्रम की चार वर्ष की उपलब्धि और पीएसआई की यात्रा पर केन्द्रित रही।

कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्र्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के नोडल व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरएन सिंह ने कहा कि इन चार वर्षों में स्वास्थ्य विभाग के समन्वय व आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से पीएसआई ने परिवार नियोजन के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया है, जिसका परिणाम भारत सरकार की एनएफ़एचएस-5 की रिपोर्ट में स्पष्ट देखने को मिल रहा है। उन्होने कहा कि परिवार नियोजन व जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं को ग्रामीणों और शहरी क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे और बेहतर परिणाम देखने को मिलते रहें।

इस दौरान राष्ट्र्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के मंडलीय समन्वयक प्रियांश ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं के प्रयास और टीसीआईसीएच – पीएसआई के सहयोग से परिवार नियोजन के क्षेत्र में अच्छा कार्य हुआ है। एनएफ़एचएस की आखिरी रिपोर्ट 2015-16 में प्रकाशित हुई थी, तब जनपद में परिवार नियोजन के क्षेत्र में जागरूकता और पहुँच की आवश्यकता थी। जिसको लेकर इन चार सालों में बेहतर कार्य हुआ है।

राष्ट्र्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के जिला समन्वयक मिलिंद ने कहा कि वर्ष 2019 से पीएसआई ने शहरी क्षेत्र में परिवार नियोजन के क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया था तब से सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर परिवार नियोजन की सेवाओं में लगातार सुधार हुआ है। इसके साथ ही स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों के प्रयासों से स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर भी बढ़ा है। उन्होने कहा कि शहरी क्षेत्र में परिवार नियोजन की स्थायी व अस्थायी सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाए। सीएमओ ने पीएसआई के साथ ही सभी चिकित्सा अधिकारियों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सहयोग की सराहना की।

कार्यशाला का शुभारंभ पारंपरिक विधा से किया गया। इस अवसर पर शहरी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, नगरीय समन्वयक इकाई, पीएसआई से ईप्शा सिंह, अनिल द्विवेदी आदि लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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