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बढ़ती ठंड आपके हृदय के लिए भी बढ़ा सकती है मुश्किलें, हार्ट अटैक का भी खतरा, कैसे करें बचाव?

हृदय रोगों के मामले पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ते हुए देखे गए हैं। विशेषतौर पर कोरोना महामारी के बाद से हार्ट अटैक-कार्डियक अरेस्ट जैसी जानलेवा समस्याएं अधिक रिपोर्ट की जा रही हैं। गंभीर बात ये है कि कम उम्र के लोगों में न सिर्फ हृदय रोगों का निदान हो रहा है, साथ ही हार्ट अटैक से मौत के भी मामले सामने आ रहे हैं। बढ़ते जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी लोगों को सावधान करते हुए कहा कि जो लोग कोरोना संक्रमण का शिकार रहे हैं उन्हें हृदय स्वास्थ्य को लेकर विशेष सतर्कता बरतते रहने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सर्दियों का ये मौसम हृदय के लिए और भी चुनौतीपूर्ण माना जाता है, जिन लोगों को पहले से हार्ट की समस्या रही है उन्हें इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ठंड का मौसम आपके हृदय और संचार संबंधी समस्याओं जैसे दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती है। पर आखिर मौसम का हृदय स्वास्थ्य पर कैसे असर होता है और बचाव के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं, आइए इस बारे में जानते हैं।

ठंड के मौसम में हृदय से संबंधित समस्याएं

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने यूके, आयरलैंड और नीदरलैंड में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड के अध्ययन में पाया कि ठंड के दौरान दिल का दौरा और स्ट्रोक होने की आशंका दोगुनी से भी अधिक हो जाती है।

हमारा हृदय और रक्त वाहिकाएं, रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाए रखने के लिए हमेशा पर्यावरण के अनुरूप ढलती रहती हैं, ताकि शरीर के विभिन्न हिस्सों को आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिल सके। ठंड के दिनों में हमारा तंत्रिका तंत्र शरीर के तापमान को गिरने से रोकने के लिए कई अंगों को अति सक्रिय कर देता है।

रक्त वाहिकाएं हो जाती हैं संकीर्ण

ठंड बढ़ने के साथ शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने के लिए रक्त वाहिकाएं संकीर्ण हो जाती हैं। लेकिन यह संकुचन (जिसे ‘वासोकोनस्ट्रिक्शन’ कहा जाता है) परिसंचरण के बाकी हिस्सों में अधिक दबाव बनाता है, जिसका अर्थ है कि हृदय को शरीर के चारों ओर रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस स्थिति में हृदय गति और रक्तचाप बढ़ जाता है। यह ठंड के प्रति एक सामान्य प्रतिक्रिया है, लेकिन यह उन लोगों के लिए हृदय संबंधी लक्षणों का कारण बन सकती है, जिन्हें पहले से ही यह बीमारी है। यही कारण है कि सर्दियों में हृदय की सेहत पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है।

ठंड से बचाव जरूरी

अध्ययनकर्ताओं ने बताया, औसतन हमारे वातावरण का तापमान जितना कम होगा, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप बढ़ने का खतरा उतना अधिक हो सकता है। ये हृदय और संचार रोगों के खतरे को बढ़ा सकती है। इसलिए जरूरी है कि इस दौरान अधिक सावधानी बरती जाए। भले ही आपको पहले से हार्ट की समस्या न हो, फिर भी ठंड के मौसम में सावधानी जरूरी है। ठंड होने पर घरों के भीतर रहें, यदि आप बाहर जा रहे हैं तो गर्म कपड़े पहनें। अपने सिर और हाथों को अच्छी तरह से ढक कर रखें। ठंड से शरीर को बचाना बहुत आवश्यक है।

इन बातों का भी रखें खास ध्यान

ठंड से बचाव के अलावा आहार की पौष्टिकता और नियमित व्यायाम जरूर ध्यान रखें। ये हार्ट को स्वस्थ रखने और रक्त संचार को बेहतर रखने के लिए जरूरी है। इसके अलावा सबसे आवश्यक, शराब-धूम्रपान से बचें। धूम्रपान की आदत रक्त वाहिकाओं और हृदय के लिए काफी समस्याकारक हो सकती है। ये आपमें हार्ट अटैक को खतरे को बढ़ाने के प्रमुख कारकों में से है।

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