भारत एक ओर चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी ओर नेपाल से भी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. नेपाल की वामपंथी सरकार ने केवल चीन के साथ हो गई है बल्कि उसके इशारे पर कई ऐसे एकतरफा फैसले ले लिए, जिससे भारत के लिए मुश्किलें शुरू हो गई है.
हालांकि नेपाल की एकाएक बदली नीतियों को भारत ने समझने में देर नहीं लगाई. भारत को यह स्पष्ट अंदाजा है कि नेपाल की सरकार द्वारा मनमाने ढंग से किए जा रहे एकतरफा फैसलों के पीछे चीन की हाथ है. इस बीच रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ के मुखिया सामंत गोयल नेपाल दौरे पर गए हैं. नेपाल की मीडिया के अनुसार रॉ चीफ बुधवार को नौ सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ काठमांडू गए और पूरा दिन वहीं रहे.
भारत और नेपाल ऑथॉरिटी में किसी ने रॉ चीफ के दौरे की पुष्टि नहीं की है लेकिन किसी खबर को खारिज नहीं किया है. नेपाली मीडिया की रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि नेपाल में रॉ चीफ ने वहां के पीएम केपी शर्मा ओली और पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रंचड से मुलाकात की.
नेपाल की मीडिया के अनुसार सूत्र ने उन्हें जानकारी दी कि गोयल यहां नौ घंटे रहे. कहा गया कि गोयल ने काठमांडू में उच्च स्तरीय बैठकें की. गौरतलब है कि पिछले साल जून में उनकी नियुक्ति के बाद उनकी यह दूसरी यात्रा नेपाल यात्रा थी. नेपाल की माय रिपब्लिका डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख की ‘सरप्राइज़ विजिट’ भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवाना की नेपाल यात्रा के कुछ हफ़्ते पहले हो रही है. नेपाल सेना मुख्यालय के अनुसार, भारतीय सेना प्रमुख नवंबर में नेपाल का दौरा करेंगे. हालांकि सेना मुख्यालय ने अभी तक यात्रा के लिए सार्वजनिक तारीखों की जानकारी नहीं दी है.