भारतीय क्रिकेट टीम ने एक बार फिर दिखा दिया कि दुनिया की किसी भी टीम के पास उसे घर में चुनौती देने की काबिलियत फिलहाल नहीं है. अहमदाबाद (Ahmedabad) में इंग्लैंड (England) के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के तीसरे ही दिन टीम इंडिया (Team India) ने एक पारी और 25 रनों से शानदार जीत दर्ज कर ली. इसके साथ ही चार मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत ने 3-1 से जीत दर्ज की. इस जीत के साथ भारत इस साल जून में लॉर्ड्स (Lord’s) में होने वाले ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गया है
इंग्लैंड पर पहली पारी में 160 रनों की बढ़त हासिल करने के बाद भारतीय टीम (Indian Team) ने मेहमान टीम की दूसरी पारी सिर्फ 135 रनों पर समेट दी. तीसरे दिन एक बार फिर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandra Ashwin) और अक्षर पटेल (Axar Patel) की स्पिन के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने सरेंडर कर दिया.
ऑस्ट्रेलिया में इस साल की शुरुआत में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम ने डेढ़ महीने के अंदर ही एक और टेस्ट सीरीज में पिछड़ने के बाद शानदार वापसी की और जीत दर्ज कर ली. ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम एडिलेड टेस्ट (Adelaide Test) में हारने के बाद अगले 3 में से 2 मैच जीती थी. वहीं अपनी ही जमीन पर चेन्नई में हुए पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड से मिले झटके के बाद भारतीय टीम ने जबरदस्त वापसी की और अगले तीनों मैच आसानी से जीत लिए.
पिच के बवाल को पीछे छोड़ किया कमाल
टेस्ट सीरीज के पहले 5 दिनों को छोड़कर भारतीय टीम ने अगले 3 मैच सिर्फ 9 दिनों में अपने नाम कर लिए. इन 9 दिनों में पहले 6 दिन तक पूर्व इंग्लिश क्रिकेटरों और मीडिया ने भारतीय टीम की काबिलियत को उचित श्रेय देने के बजाए, चेन्नई और अहमदाबाद की पिच पर दोष मढ़ा. इन्हें टेस्ट क्रिकेट के लायक मानने से इंकार कर दिया. इंग्लैंड के बल्लेबाजों की स्पिन के खिलाफ कमजोरी की चर्चा के बजाए, टीम की रोटेशन पॉलिसी और भारतीय पिचों को गुनाहगार बताया जा रहा था.
भारतीय टीम ने बिना इसकी परवाह किए दोनों मैचों में खुद भी मुश्किलों का सामना किया, लेकिन इंग्लैंड के मुकाबले ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की. आखिरकार, चौथे टेस्ट में अच्छी पिच और टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के फैसले के बावजूद भी इंग्लैंड की टीम अपना दम नहीं दिखा पाई और इसका पिच पर सवाल उठाने वालों को भी मुंह बंद करना पड़ा. भारत ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच पर एक बार फिर पूरे 5 दिन के बजाए, सिर्फ 3 दिनों में मैच खत्म कर दिया.
पहले दो दिन ही किया मैच पर कब्जा
भारतीय टीम ने सबसे अहम टेस्ट मैच के पहले ही दिन मैच में पकड़ मजबूत कर ली थी. अक्षर, अश्विन और मोहम्मद सिराज के बेहतरीन गेंदबाजी स्पैल के सामने इंग्लिश टीम पहली पारी में सिर्फ 205 रनों पर सिमट गई. हालांकि, पिछली 5 पारियों के खराब प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड ने पहली बार 200 का आंकड़ा पार किया. हालांकि, भारत की बैटिंग के दौरान इंग्लैंड ने भी अच्छी वापसी की और दूसरे दिन के दूसरे सेशन तक भारत को दबाव में रखा.
फिर भी सीरीज के पिछले मैचों की तरह भारत ने ज्यादा जुझारू अंदाज दिखाया और तीसरे सेशन से वापसी की. ऋषभ पंत ने एक जबरदस्त पारी खेली और अपना तीसरा टेस्ट शतक लगाया, तो वहीं वॉशिंगटन सुंदर ने भी बखूबी साथ दिया और भारत ने दूसरे दिन तक ही 95 रनों की बढ़त हासिल कर ली.
सुंदर का फिर टूटा दिल
तीसरे दिन भारत ने आखिरी पंच जमाया. पहले सेशन में सुंदर और अक्षर ने एक बेहतरीन साझेदारी की. पहले से ही थक चुके इंग्लैंड के गेंदबाजों को दोनों ने एक बार फिर थकाया और भारत को साढ़े 300 रनों के पार पहुंचाया. यहां भारत को एक बड़ा झटका लगा. एक शानदार पारी खेल रहे वॉशिंगटन सुंदर अपना पहला शतक लगाने से चूक गए, क्योंकि आखिरी 3 बल्लेबाज सिर्फ 5 रन के अंदर आउट हुए और सुंदर 96 रन पर नाबाद लौटे.
अश्विन-अक्षर ने जमाया आखिरी पंच
160 रन की लीड के साथ भारत की जीत तो तय थी, लेकिन कितनी जल्दी ये खत्म होगा, वो देखना बाकी था. दूसरे सेशन में ही ये तस्वीर साफ हो गई कि मैच आज ही खत्म होगा. अश्विन और अक्षर ने एक बार फिर पिच के दोनों छोर से अपना कहर बरपाया और टी-ब्रेक तक ही मैच खत्म करने की कोशिश की. दोनों ने मिलकर 6 विकेट भी उखाड़े, लेकिन किसी तरह इंग्लैंड ने इस हार को आखिरी सेशन तक ले जाने में सफलता हासिल की.
डैन लॉरेंस ने एक जबरदस्त जुझारू पारी खेली और भारतीय स्पिनरों के हमलों के सामने कदमों का अच्छा इस्तेमाल कर जरूरी रन बटोरे और एक अर्धशतक लगाया. इससे ज्यादा अहम रहा कि लॉरेंस ने भारत की जीत को कुछ और मिनटों तक टाले रखा. लेकिन ये ज्यादा देर तक चलना था नहीं. पहले अक्षर ने 2 विकेट लेकर एक बार फिर पारी में 5 विकेट लेने का काम किया और फिर अश्विन ने आखिरी 2 विकेट लेकर भारत के लिए सीरीज झोली में भर ली. दोनों गेंदबाजों ने आखिरी पारी में 5-5 विकेट झटके.