भारतीय पारंपरिक चिकित्सा व्यवस्था का विश्व पटल पर लगातार विस्तार हो रहा है. दरअसल, कुछ दिन पहले भारत यात्रा पर आये केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा ने अपनी बेटी की आंखों का इलाज कूथट्टुकुलम के श्रीधरीयम आयुर्वेदिक नेत्र अस्पताल में कराया था, जिससे उसकी आंखों की रोशनी दोबार लौट आई. इससे पहले वह कई देशों में अपनी बेटी की आंखों का इलाज कराने गये थे, लेकिन उनकी बेटी को कोई लाभ नहीं मिला था. यह विश्व पटल पर देश के चिकित्सा बुनियादी ढांचे पर विश्वास जगाता है. केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री ने यह जाकारी रविवार को खुद अपने ट्विटर हैंडल से दी. वहीं वर्ष 2020 में भारत में आयुर्वेद चिकित्सा बाजार का अनुमान लगभग $ 6 मिलियन जताया गया था।
केन्या के पूर्व पीएम ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिये दी जानकारी।
ट्विटर हैंडल से खुद दी जानकारी: केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री ने 13 फरवरी को अपने ट्विटर हैंडल से जानकारी दी कि वह अपनी बेटी रोजमेरी की आंखों का इलाज कराने के लिये भारत से पहले चीन, दक्षिण अफ्रीका और इस्राइल गए थे, लेकिन उनकी बेटी को कोई फायदा नहीं हुआ.
ऐसे में उन्होंने उम्मीद खो दी थी कि उनकी बेटी फिर से देख पाएगी. फिर वह अपनी बेटी के इलाज के लिये भारत आये. जहां भारतीय आयुर्वेदिक उपचार पद्धति ने चमत्कार कर दिखाया. उन्होंने बताया कि केरल में महज तीन हफ्ते के गहन उपचार के बाद रोज़मेरी की आंखों की रोशनी में तेजी से सुधार होने लगा. इस पर वह और उनका परिवार आश्चर्यचकित हो उठा।
विश्व में बढ़ रही पारंपरिक चिकित्सा पद्धति की लोकप्रियता।
विदेश मंत्रालय की रही अहम भूमिका: भारत के चिकित्सा पर्यटन उद्योग के विकास में विदेश मंत्रालय की भूमिका हमेशा से ही महत्वपूर्ण रही है. केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा ट्वीट कर यह जानकारी देना तो बस एक बानगी भर है. मंत्रालय द्वारा भारत के चिकित्सा बुनियादी ढांचे के बारे में विकासशील, अविकसित देशों के साथ विदेशों में समय-समय पर अपने मिशनों और पोस्टर के जरिये जागरुकता फैलायी जाती है. इतना ही नहीं अगर वे भारत से बाहर इलाज कराने का फैसला करते हैं तो मंत्रालय की ओर से उन्हे इसका कैसे लाभ मिल सकेगा, इसकी भी जानकारी दी जाती है और हर संभव मदद की जाती है।
रैला ओडिंगा बोले, अफ्रीका में भी लायें आयुर्वेद उपचार पद्धति।
साढ़े तीन साल बाद पीएम मोदी से मिले ओडिंगा: बेटी के इलाज के बाद ओडिंगा ने करीब साढ़े तीन साल बाद व्यक्तिगत रूप से पीएम मोदी से मुलाकात की. ओडिंगा की भारत यात्रा को भारत-केन्या संबंधों को बढ़ावा देने के रूप में भी देखा जा रहा है. मुलाकात के दौरान वर्ष 2009 और 2012 में वाइब्रेंट गुजरात के लिए ओडिंगा के योगदान और समर्थन को पीएम मोदी ने याद किया. इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी हित के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की. पीएम ने भारत-केन्या संबंधों को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की.
आयुष मंत्रालय का बजा डंका: भारत में ओडिंगा और उनकी बेटी रोज़मेरी की यात्रा आयुष मंत्रालय की ओर से भारतीय पारंपरिक चिकित्सा के विस्तार को दर्शाती है. ओडिंगा ने आयुष मंत्रालय और भारत के आयुर्वेदिक उपचार की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि पीएम मोदी आयुर्वेद को अफ्रीका में लाएं और उपचार के लिए उनके स्वदेशी पौधों का उपयोग करें।