भारतीय मूल के वरुण घोष पवित्र हिंदू ग्रंथ भगवद् गीता पर पद की शपथ लेने वाले पहले सीनेटर बन गए हैं। दरअसल, पिछले महीने ऑस्ट्रेलियाई लेबर पार्टी (एएलपी) के सीनेटर पैट्रिक डोडसन ने स्वास्थ्य कारणों से सियासत से संन्यास लेने का एलान किया था। जिसके बाद बैरिस्टर घोष ने सीनेट में उनकी जगह ली है।
विदेश मंत्री पेनी वोंग ने किया स्वागत
लेबर पार्टी के वरुण घोष पश्चिम ऑस्ट्रेलिया से सीनेटर बने हैं। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने ‘एक्स’ पर कहा, “पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया से हमारे नए सीनेटर वरुण घोष आपका स्वागत है। सीनेटर घोष भगवद् गीता पर पद की शपथ लेने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर हैं।”
वोंग ने कहा, जब आप किसी चीज में पहले हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप अंतिम नहीं हैं। मुझे भरोसा है कि सीनेटर घोष अपने समुदाय और पश्चिम ऑस्ट्रेलिया के लोगों के लिए एक मजबूत आवाज साबित होंगे। सीनेट में लेबर पार्टी की टीम में आपका होना बहुत अच्छा है।
17 साल की उम्र में लेबर पार्टी से जुड़े
एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार की खबर के मुताबिक, वरुण घोष के माता-पिता 1990 के दशक में डॉक्टर के रूप में काम करने के लिए भारत चले गए थे। इसके बाद घोष सत्रह साल की उम्र में पर्थ में लेबर पार्टी में शामिल हो गए थे।
कैंब्रिज विश्वविद्याल से की कानून की पढ़ाई
वह फ्रांसिस बर्ट चेंबर्स में बैरिस्टर हैं। उन्होंने वाणिज्यिक और प्रशासनिक कानून के साथ-साथ उद्योग और रोजगार कानून के क्षेत्र में भी काम किया है। 38 वर्षीय घोष के पास यूडब्ल्यूए लॉ स्कूल से कानून और कला में ऑनर्स की डिग्री है। जहां उन्होंने गिल्ड काउंसिल के अध्यक्ष और सचिव के रूप में भी काम किया है। उन्होंने ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से लॉ में मास्टर डिग्री पूरी की है।