फिच रेटिंग्स ने भारत के ग्रोथ आउटलुक को रिवाइज करते हुए निगेटिव कर दिया है। इसके पहले रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत के लिए स्टेबल आउटलुक की बात कही थी, हालांकि एजेंसी ने भारत के लिए पहले की ही तरह इशूअर डिफाल्ट रेटिंग BBB- बरकरार रखा है।
फिच का मानना है कि देश में कड़े लॉकडाउन के चलते वित्त वर्ष 2021 में 5 फीसदी गिरावट आ सकती है। हालांकि वित्त वर्ष 2022 में यह तेजी से बाउंसबैक करेगी। वहीं एशियाई विकास बैंक ने भी 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर चार प्रतिशत सिकुड़ने का अनुमा जताया है।
फिच के मुताबिक कोरोना वायरस महामहारी के चलते भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है, जिससे मौजूदा साल के लिए ग्रोथ आउटलुक कमजोर हुआ है। फिच रेटिंग्स के अनुसार इस साल भले ही ग्रोथ निगेटिव रहेगी, लेकिन वित्त वर्ष 2022 में यह 9.5 फीसदी के हिसाब से ग्रोथ कर सकती है।
फिच का कहना है कि जिस तरह से देश में कोविड 19 के मामले बढ़ रहे हैं, रिस्क भी बढ़ रहा है। इन बातों का ध्यान रखते हुए रेटिंग रिवाइज की गई है, हालांकि यह देखना बाकी है कि कब तक कोविड 19 की चुनौतियां खत्म होने के बाद देश एक स्थिर ग्रोथ की ओर बढ़ेगा।
इसके पहले मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को ‘Baa2’ से घटाकर ‘Baa3’ कर दिया था। साथ हीरेटिंग एजेंसी ने देश के लिए निगेटिव आउटुलक बरकरार रखा है। एजेंसी ने कहा कि भारत की बिगड़ती राजकोषीय स्थिति और लो ग्रोथ वाली अवधि के जोखिमों को कम करने के लिए पॉलिसीज के क्रियान्वयन को लेकर चुनौतियां रहेंगी।