डब्ल्यूडब्ल्यूई के रिंग में बड़े-बड़े विदेशी रेसलरों के छक्के छुड़ाने वाले जिले के गोपीगंज क्षेत्र के होलपुर निवासी रिंकू सिंह राजपूत ‘वीर महान’ का जलवा अब नहीं दिखेगा। अपनी विशिष्ट वेशभूषा और रिंग में दमदार उपस्थिति से अर्न्तराष्ट्रीय फलक भारत का झंडा बुलंद करने वाले रिंकू सिंह राजपूत ने डब्ल्यूडब्ल्यूई को गुड बॉय कह दिया है।
शनिवार को इन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स और फेसबुक पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। हालांकि, इसके पीछे के स्पष्ट कारणों का पता नहीं चल पा रहा है।माथे पर त्रिपुंड, गले में रूद्राक्ष की माला और विशिष्ट भारतीय वेशभूषा और लंबे-चौड़े डीलडौल शरीर वाले वीर महान जब डब्ल्यूडब्ल्यूई के रिंग में उतरते थे तो विदेशी रेसलरों के पसीने छुट जाते थे।
भदोही जिले के गोपीगंज क्षेत्र के एक छोटे से गांव होलपुर से निकलकर अंतराष्ट्रीय फलक पर छाने वाले रिंकू सिंह राजपूत के पिता ट्रक ड्राईवर थे। शुरू से ही जिद्दी और लक्ष्य के प्रति अडिग रहने वाले रिंकू ने पहले जैवेलिन थ्रोअर के रूप में शुरूआत की। बाद में इन्होंने बेसबॉल में नाम कमाया और फिर डब्ल्यूडब्ल्यूई के रिंग में उतरते ही देश-दुनिया में छा गए। रिंग में इन्हें वीर महान के नाम से जाना जाता था। अपने पिता के बेहद करीब रिंकू सिंह राजपूत बीते साल अप्रैल माह में भदोही जिले में आए थे।
उन्होंने लिखा…’बात जब भारतवासियों के मान-सम्मान पे आ जाए तो त्याग सबसे पहले। गुड बॉय डब्ल्यूडब्ल्यूई…’। रिंक सिंह राजपूत को के इस फैसले को लेकर जब उनके परिवार से बात करने का प्रयास किया जाए तो परिजनों ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उनके छोटे भाई राजन सिंह ने कि ये उनका फैसला है। इसके बारे में वहीं बता सकते हैं।