लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के मंत्र का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने रामभूमि मंदिर हेतु भूमि पूजन का उल्लेख किया किया। कहा कि सामाजिक सौहार्द के साथ इसका समाधान हुआ। आत्मनिर्भरता का संकल्प केवल आर्थिक ही नहीं सामरिक क्षेत्र में भी है। नरेंद्र मोदी ने चीन पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि विस्तारवाद और आतंकवाद का मुंहतोड़ जबाब दिया जा रहा है। भारत पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबन्ध रखना चाहता है,लेकिन यदि कोई हरकत करेगा तो उसी की शैली में जबाब दिया जाएगा। भारत रक्षा क्षेत्र में आत्म निर्भर बन रहा है। भारत शांतिवादी है, शांति के माहौल में ही विकास होता है। मोदी ने नई शिक्षा नीति को भी उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि पहले यह संकल्प था,अब यह मंत्र बन गया है। भारत के लोग जो संकल्प व मन्त्र लेते है,उसे सिद्ध करते है। जो परिवार के लिए जरूरी होता है, वह राष्ट्र के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान बढ़ाना होगा। भारत तो जय जगत का उद्घोष करने वाला देश है। हमारे चिंतन में वसुधैव कुटुम्बकम का भाव है। भारत विश्व के कल्याण के लिए अपनी भूमिका का विस्तार करना होगा। इसके लिए भारत को आत्मनिर्भर बनना होगा। कृषि क्षेत्र में भारत केवल आत्मनिर्भर ही नहीं,अन्य देशों की भूख मिटाने में समर्थ है। भारत अनेक क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनकर दुनिया का भला कर सकता है। आत्मनिर्भरता केवल आयात ही कम नहीं करता,बल्कि यह सभी के लिए कल्याणकारी होता है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना ने रोका है। इसलिए लालकिले के मुख्य समारोह में बच्चे सम्मलित नहीं हुए। लेकिन भारत की संकल्प शक्ति कोरोना संकट से मुक्ति दिलाएगी। संकट काल में देश एकजुट रहता है। केंद्र राज्य मिलकर मुसीबत का मुकाबला करते है। स्वतन्त्रता दिवस संकल्प का अवसर प्रदान करता है। आज की परिस्थिति में यह ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। परतन्त्रता के दौर में स्वतन्त्रता की अलख जलती रही थी,हमारे सेनानियों ने अपना जीवन बलिदान कर दिया। गुलामी में भारत की संस्कृति को समाप्त करने का प्रयास किया गया। लेकिन आजादी की ललक ने उनके मंसूबों को समाप्त कर दिया। विदेशी आक्रांता भारत की विविधता में एकता को समझने में विफल रहे।
भारत के स्वतन्त्रता संग्राम ने दुनिया को भी राह दिखाई। जो मानवता को तहस नहस कर रहे थे,वह पराजित हुए। विस्तारवाद को भारत के कारण चुनौती मिली। कोरोना महामारी में भारत ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। यह संकल्प नहीं मन्त्र बन गया है। देश के सामने चुनौती है,लेकिन उसके समाधान की संकल्प शक्ति है। कोरोना की शुरुआत में पीपीई किट नहीं थी,अब भारत उसका निर्यात करने लगा है। वेंटिलेटर बनने लगे। इस क्षेत्र में मात्र कुछ महीने के दौरान ही भारत आत्मनिर्भर बन गया। पहले कोई यह सोच नही सकता था कि करोड़ों जनधन खाते खुलेंगे,आज उनमें डायरेक्ट धनराशि का ट्रांसफर होने लगा। बिचौलिए दूर हो गए। वन नेशन वन टैक्स संभव हुआ। अनेक लम्बित समस्याओं का समाधान हुआ। पिछले कुछ वर्षों में बड़े आर्थिक सुधार हुए। उनका परिणाम सामने आ रहा है। भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। अर्थव्यवस्था को कोरोना संकट से बाहर निकाला जाएगा। एक सौ दस लाख करोड़ रुपये लगा कर अर्थव्यवस्था को संभाला जाएगा।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना चलाई थी। वर्तमान सरकार इसे आगे बढ़ा रही है। भारत में कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार किया जा रहा है। शास्त्रों में श्रमशक्ति व समाज के सामर्थ्य का उल्लेख किया गया। ऐसा ही समाज बन रहा है। पिछले छह वर्षो में यह शक्ति दिखाई दी। उज्ज्वला योजना आयुष्मान योजना, शौचालय निर्माण,निर्धन आवास योजना,अस्सी करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, अस्सी हजार करोड़ भरण पोषण भत्ता आदि दिया गया। पहले सौ में सौ पैसे गरीबों तक सीधे पहुंचना संभव नहीं था। आज यह सुनिश्चित हो गया। श्रमिकों कामगारों के लिए सस्ते आवास की योजना चल रही है। उनके रोजगार की व्यवस्था की जा रही गया। सन्तुलित विकास रणनीति पर कार्य चल रहा है। कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार किए गए। एक देश एक बाजार की व्यवस्था की गई। सभी बन्धन हटा दिए गए। किसानों की आय बढ़ाने के कार्य चल रहे गया। कृषि के साथ कुटीर उद्योगों को जोड़ा जा रहा है। ढांचागत निर्माण किये जा रहे है। गांव स्तर तक आर्थिक व व्यापारिक केंद्र बनेंगे। प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा घरों में पेयजल पहुंचाया जा रहा है। दो करोड़ लोगों के घरों में नल से जल पहुंचाया जा चुका है।
मध्यम वर्ग को सरकारी हस्तक्षेप से मुक्ति दिलाई जा रही है। मध्यम वर्ग को आवास के लिए कदम उठाए गए,आयकर कम किया गया, कोआपरेटिव बैंक आरबीआई से जोड़े गये। इन सबका लाभ मध्यम वर्ग को मिलेगा। आत्मनिर्भर और नए भारत के निर्माण का कार्य चल रहा है। नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों को लाभान्वित करेगी। इनोवेशन बढ़ेगा। सभी पंचायतों में डिजिटल सुविधा पहुंचाई जा रही है। छह लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर का कार्य पूरा किया जाएगा। नई साइबर सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी। महिला शक्ति को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे है। तीन तलाक की कुप्रथा समाप्त की गई। बाइस करोड़ जनधन खाते महिलाओं के है। कुपोषण दूर करने के कार्य चल रहे है।
स्वास्थ सेवाओं पर विशेष कार्य चल रहे है।कोरोना संकट की शुरुआत में मात्र तीन टेस्ट होते थे,अब सात लाख टेस्ट हो रहे है। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन प्रारंभ किया जा रहा है। प्रत्येक भारतीय को हेल्थ आईडी मिलेगी। इससे अनेक समस्याएं दूर होंगी। कोरोना वैक्सीन पर तेजी से कार्य चल रहा है, वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलने के साथ इसका तेज उत्पादन शुरू हो जाएगा। पिछड़े क्षेत्रों के विकास पर विषय ध्यान दिया जा रहा है। इनका विकास किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर की विकास यात्रा का नया दौर शुरू हुआ। महिलाओं,दलितों को अधिकार मिले,लद्दाख लेह की उपेक्षा दूर हुई है। चीन,पाकिस्तान व नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार को छोड़ दें,तो सभी देशों से भारत के संबद्ध कई गुना बेहतर हुए है।