सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने देश की प्रत्येक तहसील में एक केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसा करने से केवल गरीब बच्चों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा ही नहीं मिलेगी, बल्कि देश की एकता और अखंडता भी मजबूत होगी। अश्विनी उपाध्याय ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा, “वर्तमान समय में देश में कुल 5464 तहसील हैं लेकिन केंद्रीय विद्यालय मात्र 1209 हैं. मेरा व्यक्तिगत विचार है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय को प्रत्येक तहसील में एक केंद्रीय विद्यालय खोलना चाहिए। इससे गरीब बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिलेगी, उन्हें समान अवसर मिलेगा, आपसी भाईचारा बढ़ेगा तथा देश की एकता और अखंडता मजबूत होगी”।
गरीब बच्चों को मिलेगी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा-
अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि गरीबी के चलते किसान-मजदूर के होनहार बच्चों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा नहीं मिल पाती है। प्रत्येक तहसील में एक केंद्रीय विद्यालय खोलने से उच्च कोटि की शिक्षा गरीब छात्रों तक पहुंचेगी जो अभी तक इससे वंचित हैं। तहसील में रहने वाले तहसीलदार, उपजिलाधिकारी, कोतवाल, थानेदार, बिजली विभाग के अधिकारी, लोक निर्माण विभाग के अभियंता, लेक्चरर, प्रोफेसर और सरकारी डॉक्टर अपना परिवार साथ नहीं रखते क्योंकि तहसील मुख्यालय पर उनके बच्चों के लिए अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा व्यवस्था नहीं होती है।
प्रत्येक तहसील में एक केंद्रीय विद्यालय खोलने से उक्त सभी लोग अपना परिवार अपने साथ रख सकेंगे। ऐसे में सरकारी अधिकारी और कर्मचारी रोजाना लंबी यात्रा नहीं करेंगे और छुट्टियों पर नहीं जाएंगे जिसका सीधा फायदा यह होगा कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी जरुरतमंद लोगों को हर समय उपलब्ध रहेंगे और इससे प्रशासनिक कार्य अपेक्षाकृत अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगा।
प्रतिस्पर्धा से बढ़ेगी शिक्षा में गुणवत्ता-
उपाध्याय ने कहा कि प्रत्येक तहसील में एक केंद्रीय विद्यालय खोलने पर राज्य के सरकारी स्कूल भी इनसे प्रतिस्पर्धा करने लगेंगे फलस्वरूप शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
हिंदी को मिलेगा बढ़ावा-
प्रत्येक केंद्रीय विद्यालय में 3 भाषाएं पढ़ाई जातीं हैं। एक हिंदी दूसरी इंग्लिश और तीसरी क्षेत्रीय भाषा। तमिलनाडु सहित देश में कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हिंदी नहीं पढ़ाई जाती है। प्रत्येक तहसील में एक केंद्रीय विद्यालय खोलने से हिंदी को भी बढ़ावा मिलेगा. संविधान का आर्टिकल 351 कहता है कि सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि देश के सभी बच्चे हिंदी लिख सकें, पढ़ सकें और बोल सकें।
मिश्रित सभ्यता विकसिक होगी-
केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों का चयन राष्ट्रीय स्तर पर होता है और नियुक्ति भी देश के किसी भी राज्य में हो सकती है। भारत में हर राज्य की अपनी-अपनी सांस्कृतिक विरासत है, प्रत्येक तहसील में एक केंद्रीय विद्यालय खोलने से कल्चरल मिक्सिंग होगी, जिससे एक मिश्रित सभ्यता का विकास होगा जो तमाम विविधताओं के बावजूद हमें एक सूत्र में बांधने का काम करेगा।