बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने आरोप लगाया कि शेख हसीन के शासनकाल ने सब कुछ तबाह कर दिया। यूनुस ने आश्वासन दिया कि संविधान और न्यायापालिका में सुधार के बाद ही आम चुनाव कराए जाएंगे। एक जापानी अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, चुनावों से पहले हमें अर्थव्यवस्था, शासन-प्रशासन और न्यायपालिका में सुधार की जरूरत है।
आईसीसी के फैसले के बाद करेंगे शेख हसीना के प्रत्यर्पण क अनुरोध
यूनुस ने यह भी कहा कि भारत को शेख हसीना को तब तक प्रत्यर्पित नहीं करना चाहिए, जब तक बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में मुकदमा पूरी तरह से निपट न जाए। उन्होंने कहा, ‘जब मुकदमा खत्म होगा और फैसला आ जाएगा, तो हम औपचारिक रूप से भारत से उन्हें (शेख हसीना) सौंपने का अनुरोध करेंगे।’ अंतरिम सरकार के प्रमुख ने कहा कि भारत सरकार की बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की चिंता तथ्यों पर आधारित नहीं है, क्योंकि जो कुछ भी कहा जा रहा है वह ‘दुष्प्रचार’ है।
अगस्त में हुआ था हसीना सरकार तख्तापलट, हिंदुओं पर हमलों से तनाव
इस साल बड़े छात्र आंदोलनों के बाद इस साल अगस्त में अवामी लीग की नेता शेख हसीना को प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया था। इसके बाद बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया, जिस पर भारत ने चिंताई जताई। जिससे दोनों देशों में तनाव बढ़ गया। इसके बाद स्थिति तब और बिगड़ गई जब पिछले हफ्ते हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी हुई।