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अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस : धैर्य और लगन की मिसाल हैं सरलेश  

जब भी हम “नर्स” शब्द की कल्पना करते हैं तो हमारे दिमाग में सफेद पोशाक में लिपटी महिला की एक ऐसी सौम्य छवि उभर कर आती है जो डॉक्टर के अतिरिक्त तकलीफ से गुजरती जिंदगियों को अपनी सेवा व मुस्कान से जीवनदान देने का प्रयास करती रहती है।

सहायक भी और सलाहकार भी

जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अजीतमल में पिछले पांच सालों से कार्यरत स्टाफ नर्स  सरलेश कुमारी किसी परिचय की मोहताज नहीं। लंबे आपरेशन के दौरान डॉक्टर के साथ बतौर सहायक खड़े होना हो, मरीज को समय से दवा व सुई देनी हो या फिर सामान्य प्रसव कराना हो यह सभी चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहीं सरलेश धैर्य और लगन की मिसाल हैं।

मरीज को स्वस्थ देख कर मेहनत सफल :-  सरलेश बताती हैं जनवरी 2016  में अजीतमल सीएचसी में नियुक्ति के बाद से कई ऐसे डिलीवरी केस हुए जो काफी हद तक कठिन थे पर जब प्रसव कराने के बाद माँ और बच्चे को स्वस्थ देखते हैं तब ऐसा लगता है मेरी मेहनत सफल हो गयी।

रोज ही होता है नर्स डे :- सरलेश भर्ती मरीज का ड्रिप बदलती है तब तीमारदार उनसे पूछते हैं ‘अभी और कितनी लगेगीं।’ वह मुस्कुरा कर जवाब देती हैं ‘बस एक और।’ इसके बाद वह दूसरे रूम में मरीज को देखने चली जाती हैं। सरलेश से जब नर्स डे के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके लिए रोज ही नर्स डे है। मरीजों की सेवा करके जो आत्म संतुष्टि मिलती है उसको वह शब्दों में बयां नहीं कर सकती। कई बार लोग अपने गंभीर मरीजों को छूते भी नहीं हैं । उनकी साफ-सफाई, उनका बिस्तर साफ करना, स्पंज करना, दवाई देना सारे काम उन्हें ही करने होते हैं। वह बताती है कि उन्हें तो डबल ड्यूटी करनी पड़ती है। अस्पताल के साथ घर की भी जिम्मेदारी निभानी होती है।

परिवार नियोजन में बेहतर कार्य करने के लिए हो चुकी हैं सम्मानित  

परिवार नियोजन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर मिला सम्मान :- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से वित्तीय वर्ष 2020-21 में परिवार नियोजन के क्षेत्र में मंडल स्तर पर 500 से अधिक पीपीआईयूसीडी (पोस्टमार्टम इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस) लगाकर सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर सरलेश को सम्मानित किया गया। सरलेश कहती हैं परिवार नियोजन एक अति महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस क्षेत्र में शत-प्रतिशत सफलता के लिए महिलाओं की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण है। परिवार बढ़ाने की जिम्मेदारी महिलाओं के कंधे पर होती है, ऐसे में परिवार नियोजन का फैसला भी उन्हें ही लेना होगा।

सीएचसी में यहां औसतन 7 से 8 प्रसव ही प्रतिदिन हो पाते हैं। इसमें लेबर रूम की स्टाफ नर्स सरलेश का योगदान महत्वपूर्ण है। चिकित्सा अधीक्षक डा. विमल कुमार ने बताया कि निष्ठापूर्वक काम करने वाली सरलेश जरूरत पड़ने पर अवकाश के दिन भी घर से आकर सेवा देने के लिए तत्पर रहती हैं।
 
नर्स दिवस :- नर्सिंग प्रणाली की संस्थापक फ्लोरेंस नाईटिंगल के जन्मदिन 12 मई को हर वर्ष नर्स दिवस के रूप में मनाते हैं। वर्ष 1965 से यह दिवस अंतरराष्ट्रीय नर्स काउंसिल द्वारा नर्स दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। हर वर्ष के नर्स दिवस की थीम अलग- अलग होती है। वर्ष 2021 में नर्स दिवस की थीम है “एक आवाज नेतृत्व की ओर – भविष्य की स्वास्थ्य सेवा के लिए एक दृष्टिकोण।

शिव प्रताप सिंह सेंगर

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