अमेरिका और ईरान के बीच तनाव जारी है, इसी बीच ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने परमाणु समझौते पर एक बड़ा बयान दिया है. आपको बता दें कि रूहानी ने गुरुवार (16 जनवरी) को कहा कि 2015 के परमाणु समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को छोड़ने के बाद अब वहां यूरेनियम के संवर्धन की कोई “कोई सीमा नहीं” है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के हवाई हमले में उसके शीर्ष जनरल की हत्या के जवाब में यह फैसला किया गया है।
आपको बता दें कि रूहानी ने बैंक प्रमुखों के समक्ष दिए एक भाषण में कहा कि वैश्विक शक्तियों के साथ परमाणु समझौता होने से पहले के मुकाबले, इस समय परमाणु कार्यक्रम “बेहतर स्थिति” में है। ये समझौता उसी वक़्त टूट गया था जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मई 2018 में परमाणु समझौते से पीछे हटने की घोषणा की थी।वहीं इसके बाद अमेरिका ने ईरान की अर्थव्यवस्था पर “अधिकतम” प्रतिबंध लगाए।
ज्ञात हो की ईरान ने पिछली गर्मियों तक समझौते का पालन किया, हालांकि उसके बाद उसके समझौते की कुछ सीमाओं का यह कर उल्लंघन करना शुरू कर दिया कि समझौते के तहत उसके आर्थिक लाभ नहीं मिल रहे हैं, इसलिए वह इसका पालन करने के लिए बाध्य नहीं है। अमेरिका ने तीन जनवरी के हवाई हमले में ईरान के अल-कुद्स बल के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी को मार दिया था। उसके बाद ईरान ने कहा था कि वह परमाणु समझौते में सभी प्रतिबंधों को तोड़ देगा।
रूहानी ने कहा कि प्रतिबंधों से आर्थिक तकलीफ हुई है, लेकिन इसे विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से अलग करके नहीं देखा जा सकता। अमेरिका के साथ संबंधो में तनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “सिर्फ एक गोली से युद्ध हो सकता है और सिर्फ एक गोली नहीं चलाने से शांति कायम हो सकती है।”.