दिवाली से पहले जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। केंद्र ने नवगठित केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने का फैसला किया है। यह लाभ 31 अक्टूबर से प्रभावी माना जाएगा यानी अगले महीने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी मुलाजिमों को केंद्रीय कर्मचारियों जैसा वेतन भत्ता लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार का यह बड़ा फैसला माना जा रहा है।
गृहमंत्री अमित शाह ने 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। सरकार का मानना है कि इस कदम से कश्मीरियों को मुख्य धारा में लाने में काफी मदद मिलेगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। इस कदम से 4.5 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा, जो वर्तमान में जम्मू एवं कश्मीर सरकार के तहत काम कर रहे हैं। सरकार ने कहा है कि 31 अक्टूबर, 2019 से यह सभी कर्मचारी केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कर्मचारी बन जाएंगे।
4.5 लाख कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन देने से सरकारी खजाने पर 4800 करोड़ रुपए का बोझ आएगा। अब इन सभी कर्मचारियों को चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस, हॉस्टल अलाउंस, ट्रांसपोर्ट अलाउंस, एलटीसी, फिक्स्ड मेडीकल अलाउंस और अन्य लाभ मिल सकेंगे।
बता दें, जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था।