चीनी बिजनेसमैन जैक मा के रहस्यमई तरीके से लापता होने की खबरों के बीच पहली बार उनका एक वीडियो सामने आया है। चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के संस्थापक जैक मा का ये वीडियो चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स की ओर से जारी किया गया है। वह एक वीडियो लिंक के माध्यम से बुधवार को ग्रामीण शिक्षक-थीम वाले सामाजिक कल्याण कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
जैक मा ने बुधवार को चीन के 100 ग्रामीण शिक्षकों के साथ वीडियो लिंक के जरिये संवाद किया है। जैक मा ने शिक्षकों से कहा, ‘जब कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा, तो हम फिर मिलेंगे।’ ग्लोबल टाइम्स ने जैक मा को इंग्लिश टीचर से उद्यमी बनने वाला बताया है। जैक मा के परिचय में अलीबाबा का जिक्र नहीं किया गया, जिसकी स्थापना खुद उन्होंने की है। चीन में अफवाहों का बाजार गरम है कि जैक मा की कंपनी अलीबाबा का नियंत्रण चीन सरकार अपने हाथ मे ले सकती है।
दरअसल, जैक मा ने पिछले साल अक्तूबर में किसी मुद्दे पर चीनी सरकार की आलोचना की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके बाद से ही जैक मा की कोई सार्वजनिक उपस्थिति दर्ज नहीं हुई है। जैक मा के बारे में रहस्य तब गहरा गया था, जब वे अपने टैलेंट शो ‘अफ्रीका के बिजनेस हीरो’ के फाइनल एपिसोड में भी नहीं दिखाई दिए। मा की जगह इस एपिसोड में अलीबाबा के एक अधिकारी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। अलीबाबा के प्रवक्ता के अनुसार, मा अपने व्यस्त कार्यक्रम के चलते इस एपिसोड में भाग नहीं ले पाए थे। हालांकि, कार्यक्रम की वेबसाइट से मा की तस्वीर हटने के बाद रहस्य और गहरा गया।
जैक मा ने अक्टूबर, 2020 में चीन के वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की आलोचना की थी। उन्होंने शंघाई में दिए भाषण में यह आलोचना की थी। जैक मा ने सरकार से आह्वान किया था कि वह ऐसे सिस्टम में बदलाव करे, जो कारोबार में नवाचारों के प्रयासों को दबाने का काम करते हैं। मा के इस भाषण के बाद चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी मा पर बिगड़ गई थी। इसके बाद से मा के एंट ग्रुप सहित कई कारोबारों पर असाधारण प्रतिबंध लगाए जाने शुरू हो गए थे।
मीडिया के प्रति काफी सहज रहने वाले जैक मा का एंट ग्रुप के आईपीओ के निलंबन के बाद से ही कोई सार्वजनिक उपस्थिति दर्ज नहीं कराना सभी को चौंका रहा था। आपको बता दें कि 2016 और 2017 में चीन के कुख्यात भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के दौरान कई अरबपति गायब हो गए थे। इनमें से कुछ दोबारा दिखाई दिए। उन्होंने बताया था कि वे अधिकारियों की मदद कर रहे थे। जबकि, अन्य कभी नहीं लौटे।