दक्षिण अफ्रीका चुनाव के नतीजे जैसे-जैसे सामने आ रहे हैं, वैसे-वैसे वहां गठबंधन सरकार बनने की आशंका तेज हो रही है। दरअसल सत्ताधारी पार्टी एएनसी बहुमत से दूर है और ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी अपना बहुमत खो सकती है। दक्षिण अफ्रीका की सत्ता पर एएनसी बीते 30 वर्षों से काबिज है। शुक्रवार को भी दक्षिण अफ्रीका में वोटों की गिनती जारी रही।
बहुमत से पिछड़ी एएनसी
शुक्रवार दोपहर तक हुई वोटों की गिनती में सिरिल रामाफोसा के नेतृत्व वाली एएनसी को 42 प्रतिशत मत मिले हैं, वहीं डेमोक्रेटिक अलायंस को 23 प्रतिशत वोट मिले हैं। चुनाव से पूर्व अनुमानों में भी ऐसी आशंका जताई गई थी कि आम चुनाव में एएनसी को बहुमत नहीं मिलेगा और फिलहाल ये आशंका सच साबित होती नजर आ रही है। इसकी वजह पार्टी का लंबे समय से सत्ता पर काबिज होना, एएनसी की सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ने के आरोप, आधारभूत ढांचे में पिछड़ने जैसे कारण गिनाए जा रहे हैं।
जैकब जूमा की पार्टी ने दिया एएनसी को झटका
एएनसी को सबसे बड़ा झटका पूर्व राष्ट्रपति जैकब जूमा की एमके पार्टी ने दिया है। जैकब जूमा के गृह राज्य जुलू नटाल, जो कभी एएनसी का गढ़ था, वहां जैकब जूमा की एमके पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और इसका सीधा नुकसान अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) को हुआ है। एमके पार्टी को यहां 44 प्रतिशत मत मिल चुके हैं और एएनसी महज 19 प्रतिशत वोट ही पा सकी है। जैकब जूमा को बीते दिनों संविधान कोर्ट ने न्यायपालिका की अवमानना के आरोप में चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया था।
एएनसी को तीन राज्यों में मिल सकता है बहुमत
दक्षिण अफ्रीकी राजनीति के जानकारों का कहना है कि गठबंधन की सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दलों में पर्दे के पीछे बातचीत शुरू भी हो चुकी है। दक्षिण अफ्रीका में बहुमत के लिए 50 प्रतिशत वोटों की जरूरत है और फिलहाल कोई भी पार्टी इस आंकड़े के नजदीक पहुंचती नहीं दिख रही है। पश्चिमी केप प्रांत में डेमोक्रेटिक अलायंस बीते 15 वर्षों से सत्ता पर काबिज है और अब तक राज्य में पार्टी को 53 प्रतिशत मत मिल चुके हैं, जिससे अगले पांच वर्षों के लिए भी पार्टी ही राज्य पर शासन करेगी। दक्षिण अफ्रीका के आठ राज्यों में से तीन राज्यों में एएनसी को बहुमत मिल सकता है। रविवार तक अंतिम चुनाव नतीजे आने की उम्मीद है।