जेनसोल इंजीनियरिंग के स्वतंत्र निदेशक अरुण मेनन ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि अन्य कारोबारों के पूंजीगत व्यय के लिए बैलेंस शीट के इस्तेमाल और कंपनी की इतनी ऊंची ऋण लागत से सेवा की स्थिरता से जुड़ी चिंताएं बढ़ रही हैं।
मेनन का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले मंगलवार को सेबी ने फंड डायवर्जन और गवर्नेंस लैप्स मामले में जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रमोटरों – अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी- को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था।
कंपनी के प्रवर्तकों में से एक अनमोल सिंह जग्गी को संबोधित अपने त्यागपत्र में मेनन ने कहा, “अन्य व्यवसायों के पूंजीगत व्यय को वित्तपोषित करने के लिए जीईएल की बैलेंस शीट का लाभ उठाने तथा जीईएल द्वारा इतनी अधिक ऋण लागत की सेवा की स्थिरता पर चिंता बढ़ रही थी।”
बाजार नियामक ने जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड (जीईएल) को उसकी ओर से घोषित स्टॉक विभाजन पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। नियामक ने प्रमोटरों को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या मुख्य प्रबंधकीय कार्मिक का पद धारण करने से भी रोक दिया है।