लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने देश के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में हो रही प्रायोजित हिंसा को बेहद शर्मनाक बताते हुये कहा कि जेएनयू में बाहरी गुण्डों और अपराधियों द्वारा सरेआम परिसर और छात्रावासों में घुसकर जिस तरह छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों को बर्बरतापूर्वक पीटा गया वह बहुत ही निंदनीय है।
जेएनयू में हुयी हिंसा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये श्री दुबे ने कहा कि पूरे देश में उच्च शिक्षण सस्थानों में जिस तरह से अराजकता का प्रायोजित कार्यक्रम किया जा रहा है वह अब बंद होना चाहिए तथा शिक्षण संस्थानों में असहमति के कारण अराजकता फैलाने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना की न्यायिक जांच भी होनी चाहिए।
श्री दुबे ने कहा कि जिस तरह से जेएनयू में पुलिस की मौजूदगी में छात्र छात्राओं और अध्यापकों पर हमला किया गया उससे भारतीय जनता पार्टी का चेहरा उजागर हुआ है और पुलिस की मौजुदगी में हुयी हिंसा से यह भी साबित हो गया है कि हमलावरों को केन्द्र सरकार का समर्थन प्राप्त है। दिल्ली पुलिस जिस तरह से छात्र छात्राओं पर हमला होते देखती रही उसकी जिम्मेंदारी लेते हुये केन्द्रीय गृह मंत्री को नैतिकता के आधार पर अपना त्याग पत्र देे देना चाहिए।