सफर January 17, 2021 सफर ये उदासी का सफर कब तक रहें यूं दरबदर बोझिल हुए अपने कदम ढूढते मंजिल किधर।। ये उदासी का सफर। व्यर्थ ही बीते प्रहर धूप छांव सब कहर पांव के कांटे निकाले अनवरत व्यथित मन पीड़ित है तन।। ये उदासी का सफर। डॉ. दिलीप अग्निहोत्री journey सफर 2021-01-17 +Samar Saleel