समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि संविधान बचाने के लिए सीएए और एनआरसी के विरोध में जारी धरना प्रदर्शन में सत्ता का दमन जारी है। अलीगढ़ में पुलिस द्वारा महिलाओं पर लाठीचार्ज निंदनीय है। भाजपा सरकार ने इस तरह क्रूरता की तमाम हदें पार कर दी हैं। अहिंसात्मक और शांतिपूर्ण धरना देती महिलाओं पर लाठी बरसाना अनैतिकता है।
सीएए, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दों पर असहमति प्रदर्शित करने के लिए धरना दे रही महिलाओं के साथ भाजपा सरकार लगातार बदसलूकी करती रही हैं। लोकतंत्र में इसकी कतई इजाजत नहीं दी जा सकती है। लोकतांत्रिक प्रणाली में असहमति को स्वीकृति दी जाती है और यह नागरिकों का संवैधानिक अधिकार है।
देश में हो या प्रदेश में हर जगह भाजपा के राज में कानून और व्यवस्था इस तथाकथित डबल इंजन की सरकार में ठप्प पड़ी है। सत्ताधीशों को लोकलाज की कतई परवाह नहीं है। कोई भी संवेदनशील व्यक्ति महिलाओं की गोद में ठिठुरते मासूम बच्चों के साथ दुव्र्यवहार की सोच भी नहीं सकता है। भाजपा ने क्रूरता और असभ्यता की सभी सीमाएं तोड़ दी है। भाजपा सरकार का यह आचरण अमानवीय है।
आज अखिलेश यादव जी से भेंट करने वालों ने पुलिस और प्रशासन के व्यवहार की शिकायतें की। किसानों पर अत्याचार हो रहा है। पीड़ितों, बीमारों को इलाज की सुविधा भी नहीं है। स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। भाजपा उत्तर प्रदेश को पूरी तरह उजाड़ने पर आमादा है। प्रशासन को सत्ता का अनुचर बना दिया गया है। समाजवादी पार्टी लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अखिलेश यादव से आज कानपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम जी श्रीवास्तव के नेतृत्व में कानपुर के दर्जन भर से ज्यादा अधिवक्ताओं ने भेंट की। अधिवक्ताओं ने कहा कि समाजवादी सरकार में अधिवक्ताओं की सुविधाओं की कई योजनाएं शुरू की गई थी। अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर आदि की व्यवस्था उल्लेखनीय है। अधिवक्ताओं ने कहा कि वे सन् 2022 में समाजवादी सरकार बने इसके लिए पूरी तत्परता से काम करेंगे। अधिवक्ता समाज अखिलेश यादव के साथ रहेगा।