रायबरेली। शासन कितना भी बोर्ड परीक्षा में शुचिता के दावे कर ले लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता उन मंसूबों पर पानी फेरती नजर आती है। बोर्ड परीक्षा में किस तरह से परीक्षा केंद्र बने हैं उसका अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है कि जिले में एक ऐसे विद्यालय को परीक्षा केंद्र बना दिया गया जिसमे पत्नी प्रबंधक तो पति केंद्र व्यवस्थापक और उनके दो बच्चे एक बेटा व एक बेटी परीक्षा में ड्यूटी कर रहें है। तो वही प्रबंधक के परिवार के ही एक लोग परीक्षा प्रभारी पद को सुशोभित कर रहें हैं।
हम बात कर रहें है डलमऊ ब्लाक के परीक्षा केंद्र बने बाबा बाल्हेश्वर वैध इन्टर कालेज, चैनपुर तेरुखा की जहां बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाया गया है । जिसमे मानकों को ताक में रखकर खानापूर्ति की गयी यहां न पर्याप्त कमरे हैं न ही हर कमरों मे प्रकाश की व्यवस्था फिर भी इसे परीक्षा केंद्र बना दिया गया । दुसरे इस विद्यालय में प्रबंधक कुसमा देवी जो केंद्र व्यवस्थापक की महेन्द्र कुमार तिवारी की पत्नी हैं।
वहीं इनका बेटा भी विनय मोहन तिवारी व बेटी स्नेहलता तिवारी भी इसी केंद्र में हमेशा मौजूद रह कर परीक्षा करा रहें हैं। जबकि नियमत: परीक्षा केंद्र पर प्रबन्ध तंत्र का कतई दखल नही होना चाहिये। लेकिन फिर भी इसे दरकिनार कर बकायदा परीक्षा संचालित हो रही है ऐसे में किस तरह से परीक्षा की शुचिता की उम्मीद की जा सकती है। इसी से अंदाजा लगया जा सकता है की इस सेन्टर में कैसी परीक्षा हो रही होगी।
नोडल अधिकारी पर नास्ता भारी
जिले से यहां पर जिला कृषि अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है लेकिन उनका भी ध्यान इस ओर नही है वो चाय नास्ते में ही लगे रहते है आते ही नास्ता कर कमरों को देख रुखसत हो लेते हैं जबकि कमरे तो खुद ऑनलाइन देखे जा रहे हैं। फिर भी साहब खाना पूर्ति कर निकल लेते हैं।
पीछे के गेट आखिर क्यो रहता है खुला
केंद्र में पीछे बना एक गेट अक्सर परीक्षा में खुला ही रहता है इसकी ओर किसी जिम्मेदार की नजर नही जाती आखिर क्या वजह है जो पीछे के गेट में सील लगा कर भी खोल दिया जाता है। यह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सुरक्षा कर्मी मोबाईल में बिजी
केंद्र पर तैनात सुरक्षा कर्मी आने के बाद अपने फोन में ही बिजी हो जाते हैं किसकी गाड़ी आयी । कोई अधिकारी आया इनसे कोई मतलब नही बोर्ड परीक्षा में ये सुरक्षा अधिकारी भी मस्त हैं कोई देखने वाला नही है।
तुम कौन होते हो हमें टोकने वाले
सोमवार को इसी परीक्षा केंद्र में रसायन विज्ञान व नागरिक शास्त्र का पेपर चल रहा था। इतने में एक जांच अधिकारी की गाड़ी सेन्टर पर आयी धड़धडाते महोदय अंदर आये इससे परिचय एक निरीक्षक से पूंछा की परिचय पत्र कहां है उसने दिखाया। उसके साथ उस निरीक्षक ने यह भी पूंछ लिया सर आपने भी परिचय पत्र नही लगाया इतना सुनते ही महोदय का पारा हाई हो गया बोल पड़े आप पूछने वाले कौन होते हैं। साथ ही केंद्र व्यवस्थापक से बोलने लगे इसके खिलाफ लिखापढ़ी करिये। बाद में किसी तरह शांत हुए।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा