बंगलूरू। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने शनिवार को अपने बयान पर यूटर्न लिया। उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी को भी उनके और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच सत्ता साझेदारी को लेकर किसी भी तरह के समझौते के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। सत्ता साझाकरण को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है। हम बस आपसी राजनीतिक समझ के साथ काम कर रहे हैं।
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राज्य के डिप्टी सीएम और राज्य कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कहा था कि सत्ता में आने से पहले उनके और सीएम सिद्धारमैया के बीच एक समझौता हुआ था। इसके जवाब में सीएम सिद्धारमैया ने कहा था कि ऐसा कोई समझौता नहीं था और वह आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे।
इस मामले में डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि किसी को भी किसी समझौते के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। कोई सत्ता-साझाकरण जैसा ऐसा कुछ नहीं है। हम दोनों राजनीतिक समझ के साथ काम कर रहे हैं। मैंने कभी किसी फॉर्मूले के बारे में बात नहीं की, ऐसा कुछ भी नहीं है। मुख्यमंत्री को कुछ जिम्मेदारी सौंपी गई है और मुझे भी कुछ जिम्मेदारी सौंपी गई है। मैं उसी के अनुसार काम कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि मैं पहले ही कह चुका हूं कि सीएम ने जो भी कहा है, वह अंतिम है और यह मामला अब बंद हो चुका है या खत्म हो चुका है। मुख्यमंत्री जो भी कहेंगे वह अंतिम होगा, इस पर कोई आपत्ति नहीं है। मामले में कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि हाईकमान ही निर्णय लेगा और सभी उसका पालन करेंगे।
सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद काफी प्रतिस्पर्धा थी। कांग्रेस ने शिवकुमार समझा-बुझाकर उपमुख्यमंत्री बनाया। इस दौरान खबरें आई थीं कि दोनों के बीच रोटेशन मुख्ममंत्री फॉर्मूला पर समझौता हुआ है, जिसमें दो साल शिवकुमार भी मुख्यमंत्री रहेंगे। हालांकि पार्टी ने इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की थी। शिवकुमार ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा को कभी छिपाया नहीं है।