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कस्तूरबा गांधी बालिका माध्यमिक स्तर की कक्षा 9 से 12 तक की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए विकास खण्डों में नये केजीबीवी खोले जायेंगे – मंत्री संदीप सिंह

उत्तर प्रदेश। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) संदीप सिंह ने आज अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कान्वेंशन सेंटर लखनऊ में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में कार्यरत वार्डन की एक दिवसीय पुर्नबोधात्मक अभिमुखीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार बालिकाओं की शिक्षा के सपनों को साकार करने के लिये कटिबद्ध है तथा केजीबीवी इस संकल्प को पूरा करने की महत्वपूर्ण इकाई है।

कस्तूरबा गांधी बालिका माध्यमिक स्तर की कक्षा 9 से 12 तक की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए विकास खण्डों में नये केजीबीवी खोले जायेंगे – मंत्री संदीप सिंह

उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी समाज या देश तभी सामाजिक तथा आर्थिक तरक्की कर सकेगा, जब वहां के बेटा- बेटी को उस समाज में एक स्थान देकर शिक्षा से जोड़ा जाये। उन्होंने यह भी बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका माध्यमिक स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु कक्षा 9 से 12 तक उच्चीकृत किया जा रहा है तथा जिन विकास खण्डों में केजीबीवी संचालित नहीं है वहां भी सरकार द्वारा नये केजीबीवी खोले जायेंगे। उच्चीकरण के पश्चात् 377 विद्यालयों में अतिरिक्त 100 बालिकाओं के पठन-पाठन एवं आवासीय व्यवस्था हेतु एकेडमिक ब्लॉक एवं बालिका छात्रावास का निर्माण कराया जा रहा है।

वर्ष 2022-23 के अन्त तक लगभग 200 भवनों का निर्माण पूर्ण हो जायेगा, जिसमें 20000 बालिकायें लाभान्वित हो सकेंगी। शेष 177 भवनों का निर्माण कार्य वर्ष 2023 – 24 के अन्त तक पूर्ण हो जायेगा, जिसमें 17700 अतिरिक्त बालिकायें लाभान्वित हो सकेंगी। इस प्रकार वर्ष 2023-24 के अन्त तक 446 केजीबीवी उच्चीकृत होने पर कुल118600 बालिकाओं को लाभान्वित करने के लक्ष्य की प्राप्ति हो सकेगी। उन्होने केजीबीवी की प्रमुख उपलब्धियों की सराहना करते हुये कहा कि बालिकाओं के लर्निंग आउटकम्स को सुनिश्चित कराते हुये सभी बालिकाओं को टेक्नोलॉजी से अप टू डेट किया जाये।

श्री सिंह ने कहा कि समग्र शिक्षा के अन्तर्गत प्रदेश में शैक्षिक रूप से पिछड़े विकास खण्डों में 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हैं, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति व अल्पसंख्यक समुदाय की 75 प्रतिशत बालिकायें तथा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की 78525 बालिकायें अध्ययनरत हैं। उन्होने कहा कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के संचालन की मुख्य जिम्मेदारी वार्डन की है। वार्डन के क्षमता संवर्द्धन हेतु एक दिवसीय कार्यशाला में विविध सत्रों का आयोजन किया गया। प्रदेश में हो रहे नवाचारों यथा खान एकेडमी के प्रतिनिधियों द्वारा केजीबीवी में बालिकाओं को डिजीटल माध्यम से गणित सिखाने हेतु विगत वर्ष के कार्य के अनुभव के साथ ही वर्ष 2023-24 में प्रत्येक बालिका को 25 घण्टे तक खान एकेडमी पर अभ्यास करने के लक्ष्य को पूर्ण करने की कार्य योजना प्रस्तुत की गई।

आईआईटी गांधीनगर, गुजरात के प्रो मनीष जैन द्वारा केजीबीवी में संचालित जिज्ञासा कार्यक्रम के अनुभवों को शेयर करते हुये विद्यालयों को उपलब्ध कराये गये जिज्ञासा बॉक्स के माध्यम से सरल एवं रोचक तरीके से ज्ञान के अभ्यास से सम्बन्धित प्रयोग प्रस्तुत किये। प्राचार्य, आंग्ल भाषा प्रशिक्षण संस्थान प्रयागराज द्वारा केजीबीवी के शिक्षकों के लिये विकसित किये गये ऑनलाइन दीक्षा पर उपलब्ध प्रशिक्षण कोर्स पर चर्चा किया गया।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द ने वार्डेन से संवाद स्थापित किया तथा उनके समस्याओं का समाधान करते हुये बालिकाओं की सुरक्षा, क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण, त्रैमासिक परीक्षा, कक्षा में टीएलएम सृजित करना,समय सारणी व पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षा का संचालन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य गांरटी कार्यक्रम के अन्तर्गत बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण, वार्डेन के माध्यम से पत्रावलियों का संचालन,धनराशि का उपयोग कर प्रबन्ध पोर्टल पर अपलोड करना, प्रेरणा पोर्टल अपडेट होना, अच्छी व गुणवत्तापरक स्टाफ बैठक, बालिकाओं की कक्षा में सतत् मूल्यांकन करते हुये एक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय निर्मित करने का संकल्प लिया गया।

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा श्री विजय किरन आनन्द जी ने वार्डन का उत्साहवर्धन करते हुये केजीबीवी की प्रमुख उपलब्धियां तथा अवस्थापना सुविधाओं पर विस्तृत चर्चा कर बताया कि सभी केजीबीवी में कम्प्यूटर्स, इंटरनेट ब्रॉडबैंड, स्मार्ट क्लास, टैबलेट्स आदि उपकरण उपलब्ध कराया जा रहे हैं। साथ ही वार्डन को आदर्श केजीबीवी के रूप में स्थापित करने हेतु संकल्पित करवाया।

इस अवसर पर वित्त नियंत्रक, समग्र शिक्षा ने वित्तीय पहलुओं पर प्रकाश डालते हुये जिज्ञासाओं का समाधान किया। प्रेरणा पोर्टल के संचालन हेतु उत्तरदायी संस्था क्नोसिस के प्रतिनिधियों द्वारा पोर्टल पर अवस्थापनाओं एवं छात्र शिक्षक उपस्थिति तथा डीबीटी के संचालन में होने वाली समस्याओं के निराकरण के सम्बन्ध में चर्चा की गयी। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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