• लखपति दीदी के लक्ष्यों को पूर्ण करने को दी जाय, सर्वोच्च प्राथमिकता।
• विकास कार्य धरातल पर स्पष्ट रूप से नजर आने चाहिए।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्राम्य विकास विभाग के बजट का समय से सदुपयोग किया जाना सुनिश्चित किया जाए। लगातार समीक्षा व अनुश्रवण किया जाए।
विकास कार्यों की जमीनी हकीकत परखने के लिए नियमित रूप से निरीक्षण किये जांय और प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। कहा कि विकास कार्य धरातल पर स्पष्ट रूप से नजर आने चाहिए। निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास विभाग के सभी कर्मियों, समूहों व लाभार्थियों को नमो ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जाए।
ग्राम्य विकास विभाग की उपलब्धियों को हाइलाइट किया जाए। केशव प्रसाद मौर्य मंगलवार को विधान भवन में अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लखपति दीदी के लक्ष्यों को पूर्ण करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाय, इसके ठोस रणनीति बनाकर कार्य किया जाए।
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उन्होंने कहा कि समूहों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने, उनकी बिक्री कराने के लिए उचित प्लेटफार्म दिलाने के प्रभावी प्रयास किये जांय तथा उनके समूहों के उत्पादों के सर्टिफिकेशन का भी प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा विभागीय कार्यों की साप्ताहिक व पाक्षिक प्रगति रिपोर्ट समय से उपलब्ध करायी जाय, इसके लिए जिम्मेदारी फिक्स की जाय।सीएम डैस बोर्ड में विभाग के निर्धारित बिन्दुओं पर रिपोर्ट अपडेट रखी जाए।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिए कि पीएमजीएसवाई ( प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना) की सड़कों को शत् प्रतिशत एफडीआर तकनीक पर ही बनाया जाय और कहा कि इसकी तैयारी की जाए कि भविष्य में पीएमजीएसवाई की सड़कों को ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ही बनाये,इस हेतु जो जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी हो शीघ्र पूरी की जांय।
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यह भी निर्देश दिए कि पीएमजीएसवाई की सड़कों की नियमित चेकिंग की जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि एफडीआर तकनीक से काम करने वाले कान्ट्रेक्टर्स की बैठक बुलाई जाय। राज्य ग्राम्य विकास संस्थान को ट्रेनिंग का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिये।
ग्राम्य विकास विभाग का अपना नया राज्य मुख्यालय भवन बनेगा। इसके लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पहल की थी, इसके लिए जानकीपुरम में 13 एकड़ भूमि आरक्षित हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग का नया मुख्यालय भवन बन जाने पर, ग्राम्य विकास विभाग की सभी विंग जैसे-मनरेगा, एसआरएलएम, यूपीआरआरडीए, सोशल आडिट सेल व ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय, जो अलग-अलग स्थानों पर हैं एक ही स्थान पर आ जायेगें।
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उप मुख्यमंत्री के प्रयास से चालू वित्तीय वर्ष में इसके लिए कुछ बजट भी जारी हुआ है, जिससे बाउंड्री वॉल सहित कुछ और कार्य भी हो रहा है। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भवन की बहुत अच्छी डिजाइन तैयार की जांय, जहां सभी प्रकार की अवस्थापना सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हों।