लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में संविदा पर तैनात कर्मचारियों ने बुधवार को परिसर में हंगामा प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि निजी एजेंसी के माध्यम से डेढ़ महीने पहले उनकी भर्ती हुई थी। भर्ती के लिए 70-70 हजार रुपये भी लिए गए। अब अचानक उनकी सेवा समाप्त करने का फरमान सुना दिया गया।
- कुलपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन
- केजीएमयू प्रशासन ने इस बात से झाड़ा पल्ला
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि भर्ती के समय उनसे यह नहीं कहा गया कि यह नियुक्ति सिर्फ कोविड के समय के लिए है। विभिन्न पदों के करीब सौ लोगों की भर्ती हुई थी। भर्ती के समय उन्हें कोई जॉइनिंग लेटर भी नहीं दिया गया। अब अचानक उनको 31 मई के बाद सेवा समाप्त करने का आदेश दे दिया गया है। अभी तक किसी को भी सैलरी नहीं मिली है।
इस आदेश के बाद वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। इसको लेकर सुबह से ही केजीएमयू में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। कर्मचारियों ने केजीएमयू कुलपति आवास पर प्रदर्शन किया। इसके बाद परिसर में टहलकर भी नारेबाजी की। पुलिस ने मौके पर जाकर कर्मचारियों को समझा बुझाकर शांत कराया। वहीं केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि कोविड के समय के दौरान एजेंसी के माध्यम से ये नियुक्ति हुई थीं। एजेंसी की उनसे क्या बात हुई इसकी जानकारी हमें नहीं है।