ब्रज की जेलों के बंदी उत्साहित हैं। जेल में बने उनके हर्बल गुलाल से वाराणसी में बाबा काशी विश्वनाथ सूबे में सबसे पहले होली खेलेंगे। डीजी जेल ने गुरुवार को ट्वीट करके इस कार्य के लिए बंदियों का उत्साहवर्धन किया है।
जिला जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया के मुताबिक, बंदियों ने बड़ी मात्रा में हर्बल गुलाल तैयार किया है। कारागार के कृषि फार्म में जैविक पद्धत्ति से अरारोट में पालक को पीसकर हरा रंग, मेथी को पीसकर हल्का हरा रंग, चुकंदर को पीसकर लाल रंग, हल्दी पाउडर का प्रयोग कर पीला गुलाल तैयार किया जा रहा है।
आंवलखेड़ा का गायत्री परिवार बंदियों के बनाए गुलाल को खरीदेगा। वहीं, सत्यमेव जयते के ट्रस्टी मुकेश जैन की मदद से इस गौकाष्ठ की बिक्री होगी। आगरा की जिला जेल में बंदियों द्वारा बनाया गया ये हर्बल गुलाल 200 रुपए किलो के हिसाब से बाजार में बेचा जाएगा। आम जनता भी इस गुलाल को खरीद सकती है। इस गुलाल को हर्बल तरीके से बनाया गया है और कैमिकल नहीं मिलाए गए हैं। ऐसे में ये हर किसी के लिए सही है। इससे बच्चे या बड़े किसी को भी हानि नहीं होगी।
खुशबू के लिए इसमें इत्र मिलाया जा रहा है। साथ ही, होलिका दहन के लिए कैदियों ने 80 कुंतल गौकाष्ठ भी तैयार किया है। डीजी जेल ने गुरुवार शाम आगरा एवं मथुरा जिला जेल के हर्बल गुलाल बनाने के प्रयास को अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया है। जेल अधीक्षक सलोनिया कहते हैं, इस प्रयास का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है। साथ में वोकल फॉर लोकल का संदेश भी प्रसारित करना है।