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हाई कॉर्टिसोल ग्लूकोमा के खतरे को क्यों बढ़ाता है? जानिए विशेषज्ञों की राय

 आपके स्ट्रैस का लेवन आपकी नींद की आदतों और मूड स्विंग को प्रभावित कर सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपकी आईज की रोशनी को भी प्रभावित कर सकता है? कॉर्टिसोल, तनाव के कारण निकलने वाला हार्मोन, ग्लूकोमा के जोखिम को बढ़ाने में एक संभावित कारक हो सकता है। उम्र, जेनेटिक और कुछ चिकित्सा स्थितियां इसके जाने-माने कारण हैं, लेकिन क्रोनिक तनाव और आंखों की सेहत के बीच संबंध अभी तक व्यापक रूप से पहचाना नहीं गया है। आइए आपको बताते हैं कॉर्टिसोल के खतरनाक जोखिम कैसे बचें।
ग्लूकोमा और इसके जोखिम कारक
एक्सपर्ट ने बताया कि, ग्लूकोमा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एक या अधिक कारणों से नेत्र दबाव बढ़ जाता है। “इससे ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंच सकता है और अगर इसका इलाज न किया जाए, तो दृष्टि हानि हो सकती है। ग्लूकोमा वंशानुगत होता है और बढ़ती उम्र, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कॉर्टिकोस्टेरॉइड जैसी दवाओं जैसे कारकों के कारण हो सकता है,”।
 
तनाव से होने वाला ग्लूकोमा के जोखिम को कैसे कम करें
 – चूंकि ये स्थितियां कॉर्टिकोस्टेरॉइड के उपयोग से जुड़ी हैं, इसलिए इस दवा का सेवन करने वाले रोगियों को नियमित रूप से ग्लूकोमा के लिए उचित जांच करानी चाहिए।
– तनाव में कमी, नियमित नेत्र परीक्षण, तथा स्वस्थ जीवनशैली भी ग्लूकोमा की रोकथाम और उपचार के लिए औषधि उपचार के अतिरिक्त उपयोगी सहायक हैं।
– यदि अत्यधिक कोर्टिसोल स्राव कुशिंग सिंड्रोम या बीमारी जैसी स्थितियों के परिणामस्वरूप होता है, तो इसके लिए उचित विशेषज्ञ मूल्यांकन और प्रबंधन की आवश्यकता होती है।

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