Breaking News

विधानसभा चुनाव से पहले चारा घोटाला मामले में जेल में सजा काट रहे लालू यादव की मुश्किलें व बढ़ी

बिहार में विधानसभा का चुनाव होने में अभी सात-आठ माह का बिलंब है, लेकिन सूबे की सियासत अभी से ही गरमाने लगी है. टिकटों की दावेदारी को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई हैं तो दूसरी ओर चारा घोटाला मामले में जेल में सजा काट रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें और बढ़ती दिखने लगी हैं. हालांकि विधानसभा चुनाव में भी राजद के वोट बैंक और सामाजिक आधार की गणना करते हुए कई नेता लालटेन थामने के लिए बेकरार हो रहे हैं.

सूबे के सियासी गलियारे में जदयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और रालोसपा समेत कई दरवाजे से होते हुए वृषिण पटेल ने भी समाजवाद का वास्ता देकर आखिर में राजद में दस्तक दी है. वह वैशाली क्षेत्र से राजद के टिकट के लिए टकटकी लगाए हुए हैं. पूर्व मंत्री रमई राम और पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी सरीखे पुराने कद-पद वाले कई नेताओं ने तो लोकसभा चुनाव के दौरान ही लालू प्रसाद से उम्मीदें पाल रखी थीं. दोनों पहले ही जदयू छोड़कर राजद की शरण में आ चुके हैं. पार्टी की गतिविधियों में लगातार सक्रिय भी हैं. रमई राम को बोचहां क्षेत्र से लालू का आशीर्वाद चाहिए तो उदय नारायण चौधरी को कहीं से भी. चौधरी की परंपरागत इमामगंज सीट से जीतनराम मांझी अभी विधायक हैं. इसलिए गठबंधन धर्म के चलते दावेदारी नहीं बनेगी. बाराचट्टी की भी दावेदारी हो सकती थी, लेकिन उसपर अभी राजद की ही समता देवी हैं.

वहीं, पूर्व मंत्री एवं जदयू के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह ने पिछले महीने रांची रिम्स जेल जाकर लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की है. जदयू में उनकी संभावनाएं कम दिखने लगी हैं. लिहाजा चुनाव के नजदीक आते ही उन्हें समाजवादी सपने आने लगे हैं. दिक्कत है कि उन्हें तीन सीटें चाहिए. एक अपने लिए और दो पुत्रों के लिए।सुमित सिंह और अजय सिंह को भी चुनाव लड़ाना है. जमुई और चकाई सीटों पर कभी न कभी नरेंद्र सिंह एंड संस का कब्जा रहा है पर अभी दोनों सीटें राजद की झोली में हैं. जमुई से विजय प्रकाश और चकाई से सावित्री देवी विधायक हैं. ऐसे में नरेंद्र सिंह के साथ असमंजस की स्थिति है कि वह लालू प्रसाद यादव से क्या मांगें? और किन शर्तों पर लालटेन थामें? पिछले साल जीतनराम मांझी का साथ छोड़कर नरेंद्र सिंह ने नीतीश कुमार का हाथ पकड़ा था और बांका संसदीय सीट पर दावेदारी की थी, लेकिन नहीं मिली.

उधर, सीबीआई ने चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव को लेकर दिए गए झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. ऐसे में लालू की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर कोषागार मामले में आधी सजा काटने के बाद लालू यादव की जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए उन्हें बेल दे दिया था और सजा को निलंबित कर दिया था. अब सीबीआइ लालू यादव को मिली बेल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. सीबीआई ने हाईकोर्ट द्वारा दिए गए बेल के इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिससे फिलहाल राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की चिंता बढ़ गई है.

About News Room lko

Check Also

शरद पवार ने स्वीकार की MVA की हार, बोले- हमें अभी काफी काम करने की जरूरत

मुंबई। एनसीपी शरद गुट के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन ...