पेरू में मिला कोरोना वायरस का Lambda वेरिएंट दुनिया के अलग-अलग देशों में फैल रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ब्रिटेन समेत कई देशों को अपनी चपेट में ले चुका है. एक्सपर्ट्स को डर है कि यह भारत में मिले डेल्टा वेरियंट से भी ज्यादा घातक हो सकता है.
इस वेरिएंट को 14 जून को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने “वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” के रूप में बताया था. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, Sars-CoV-2 वायरस समय के साथ बदल गया है. परिवर्तन से वायरस के गुणों को भी बदलाव होता है. जैसे वायरस का प्रसार, संबंधित बीमारी की गंभीरता, टीकों और दवाओं का असर.
फिलहाल डेटा के आधार पर भारत में अभी तक इसका कोई केस नहीं मिला है. 14 जून को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे कोरोना का सबसे नया और सांतवां वैरिएंट बताया और इसे वैज्ञानिक नाम c.37 दिया.
भारत और उसके पड़ोसी देशों में कोरोना का यह नया वेरिएंट नहीं मिला है. इजरायल में इस वैरिएंट ने दस्तक दी है. यूरोपीय देशों फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और इटली में लैम्बडा वैरिएंट से संक्रमण मिले हैं.
डब्ल्यूएचओ ने Sars-CoV-2 के विकास की निगरानी और आकलन करने के लिए दुनिया भर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का एक नेटवर्क बनाया है. ये देशों को वायरस में होने वाले परिवर्तनों के बारे में सूचित करता है ताकि इसके प्रसार को रोकने के जल्द कदम उठाए जा सकें.