देश में गांवों की जमीन के रिकॉर्ड को digitization होने से अब आप घर बैठे ऑनलाइन देख सकते हैं। इसके लिए पहल हो चुकी है। देश की राजधानी दिल्ली के 224 गांवों में करीब 192 गांवों का रिकॉर्ड ऑनलाइन हो चुका है।
- पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के अंतर्गत दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के इस कदम की हर तरफ तारीफ हो रही है।
- बचे हुए 32 गांवों का रिकॉर्ड भी जल्द ही ऑनलाइन कर दिया जाएगा।
digitization से नागरिकों को नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर
इस डिजटलीकरण से नागरिकों को गावों की भूमि अभिलेख प्राप्त के लिए राजस्व कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। उन्हें घंटो लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। इतना ही नहीं इससे जमीन के रिकॉर्ड में पारदर्शिता भी रहेगी। इस संबंध में रविवार को दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक मोहम्मद ईशराक द्वारा पूछे गए सवाल का रेवेन्यू मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने लिखित में जवाब दिया।
- महंगाई मंत्री कैलाश गहलोत ने जवाब में लिखा है कि बचे हुए इन 32 गावों के अभिलेखों को भी जल्द ही ऑनलाइन कर दिया जाएगा।
- इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है।
जमीन के स्टेटस को कर सकते हैं क्रास चेक
लोग जमीन के स्टेटस को दिए हुए मैप से क्रास चेक भी कर सकते हैं। हालांकि इस दौरान मंत्री कैलाश गहलोत ने यह साफ कर दिया है कि इसके लिए फिलहाल कोई समय सीमा तय नहीं की गई है।
- गावों का रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के अंतर्गत, डिजटल हस्ताक्षरित रिकॉर्ड सार्वजनिक डोमेन में 24×7 में उपलब्ध है।
भूमि के रिकॉर्ड और उसकी कानूनी स्थिति जानने में होगी आसानी
खास बात तो यह है कि इन्हें नागरिकों द्वारा कभी भी कहीं भी आसानी से डाउनलोड कर देखा जा सकता है। इस ऑनलाइन डेटाबेस के माध्यम से लोग आराम से भूमि के रिकॉर्ड और उसकी कानूनी स्थिति को भी देख सकते हैं।
- इतना ही लोग जमीन के स्टेटस को क्रास चेक भी कर सकते हैं।
- अगर जमीन की डिटेल में और दिए हुए मैप में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी है।
- गड़बड़ी की सूचना देकर सही जानकारी ली जा सकती है।