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बेटे ने खुद का अपहरण करवा पिता से मांगी Ransom

आमौली फतेहपुर। चांदपुर थाना क्षेत्र के कस्बा अमौली से नाटकीय ढंग से गायब दीपक ओमर के कथित अपहरण कांड के रहस्य को फतेहपुर जिले की पुलिस ने खत्म करते हुए एक ऐसा खुलासा किया जिसे आप सुनकर चौंक जाएंगे। जिसमें एक बेटे ने खुद अपने अपहरण की साजिश रचकर व्यापारी पिता से Ransom की मांग की थी। 10 मार्च 2018 की सुबह 10 बजे दीपक अपने घर से इलाज कराने व किराने का समान लेने की बात कह कर कानपुर गया था। पिता नरेश चन्द्र ने शाम 3 बजे हालचाल जानने के उद्देश्य से दीपक को फोन किया तो मोबाइल बंन्द था। फोन बन्द होने से परिजनों में चिंता होने लगी। वहीं दूसरे दिन 11 मार्च की सुबह नरेश ओमर अपनी दुकान खोलकर साफ सफाई कर रहे थे तभी गैलरी के चैनर पर चार पेज का डिमांड लेटर मिला।

  • जिस पर पांच लाख की फिरौती मांगी गयी थी।
  • हालांकि पुलिस शुरु से ही इस मामले को संदिग्ध मानती रही।

पिता ने शुरू की खोजबीन बेटे ने रची Ransom साजिश

इधर पिता नरेश चन्द्र ने अपने नाते-रिस्तेदारी व कानपुर शहर में रहने वाले मित्रों बिपिन सिंह, दीपक सिंह यादव, पंकज पाल, गौरव गुप्ता के घर जाकर पूरी जानकारी ली तो दीपक ओमर के मित्र पंकज पाल ने बताया था कि दीपक ओमर 10 मार्च की रात हमारे घर रूका था। काफी परेशान दिख रहा था और कह रहा था कि पैसे की बड़ी जरूरत है पापा पैसा दे नहीं रहे हैं। 11 मार्च की सुबह करीब 4 बजे यह कहकर चला गया था कि हम अब अपने घर जा रहे हैं।

  • परिजनों ने सम्भावित ठिकानों मे पता किया।
  • लेकिन कहीं से कोई सुराग न मिला।
  • अचानक किसी अनजाने नंबर से फोन आया कि अगर बेटे की खैरियत चाहते हो तो पांच लाख रुपये का इंतजाम करो।
  • इस पर पिता नरेश चंन्द्र व परिजन घबरा गये।

पुलिस ने की तलाश

मामले की सूचना पुलिस को दी। चांदपुर थाने में अपहरण का मुकदमा मु०अ०सं०-27/18 धारा 364-A आईपीसी दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस अपनी टीम को प्रदेश के कई जिलों में भेजकर अपहृत युवक की तलाश कर रही थी। लेकिन युवक पुलिस की लोकेशन जानने के बाद अपना लोकेशन बदल दिया करता था। थाना पुलिस ने सम्भावित ठिकानों व लोकेशन के आधार पर कानपुर, लखनऊ ,फैजाबाद, कासगंज सहित तमाम जगहोँ पर छापेमारी की।

  • किन्तु कहीं से पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी।
  • तथाकथित अपहृत दीपक ओमर लगातार अपने निजी फोन नंबर 9125620908 से अपने घर के फोन नं 9125273908 पर मैसेज किया।
  • लेकिन यही सूचना देता रहा कि मेरे राधा गार्मेंट्स बैंक खाता पर पांच लाख रूपये जमा कर दे तो अपहरणकर्ता मुझे छोड़ देंगे।
  • वहीं 20 मार्च को मैसेज किया कि मेरा अपहरण कानपुर लाल बंगला निवासी गौरव गांधी ने किया है।

मैसेज के आधार पर पुलिस ने शुरू की पूछताछ

मैसेज को आधार मानकर पुलिस ने गौरव गांधी से कड़ी पूंछताछ की। लेकिन बताया कि मुझे दीपक ओमर से डेढ़ लाख रूपया लेना है मुझे चेक दिया था जो कि बाउंस हो गयी थी। जिसका मैने मुकदमा योजित किया है। मुझे फर्जी फंसाने की नियत से झूंठा आरोप लगा रहा है। दीपक ओमर ने बुधवार की दोपहर मे कटियार पोट्री हाउस के एक मजदूर से परिजनों को मो०नं० 8917881742 से फोन किया। उसने कहा कि तुम्हारा लडका दीपक यहां है उसे ले जायें। तब 12 दिन बाद मंगलवार की देर शाम एसओ चांदपुर श्रवण कुमार सिंह ने कानपुर नगर के बिठूर थाना क्षेत्र के कुरकुरा गांव स्थित सतेन्द्र कटियार मुर्गी फार्म हाउस के पास से युवक को बरामद किया था।

  • फोन की सूचना पर मय फोर्स थाना पुलिस ने परिजनों को लेकर मौके पर पहुंचे।
  • इसके बाद मौके पर उन्होंने दीपक को बदहवास हालत में कटियार पोट्री फार्म हाउस के पास खडा देखा।
  • उसे थाने पर लाकर पुलिस ने पूंछताछ शुरु की।
  • पूंछताछ में यह बात सामने आई कि युवक ने खुद अपहरण की साजिश रची थी।
  • वह अपने पिता से फिरौती की मांग कर रहा था।
पुलिस ने किया खुलासा

वहीं आज एसपी राहुल राज ने युवक के कॉल रिकॉर्ड के आधार पर दो हप्ते से चल रहे इस घटनाक्रम को चौकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि दीपक बड़े पैमाने पर सट्टाबाजी करता था तथा आस पास के लोगों से काफी उधार लिया हुआ था।

  • जिसके चलते लोग अपना पैसा वापस पाने का दबाव बना रहे थे।
  • उससे बचने के लिये दीपक ने स्वयं के अपहरण का यह षडयंत्र रचा।
  • पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

रिपोर्ट—डॉ0 जितेन्द्र तिवारी

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