रायबरेली। बीएसएफ BSF के हवलदार सरोज कुमार मौर्या का पार्थिव शरीर शनिवार को जैसे ही उनके आवास पूरे बाबा लालगंज पहुंचा। बीएसएफ के जवान को अंतिम विदाई देने के लिये लोगो को हुजूम उमड पडा।
BSF के हवलदार
उल्लेखनीय है कि बहाई गांव निवासी बीएसएफ BSF के हवलदार सरोज कुमार मौर्य पुत्र स्व0 संतलाल मौर्य का कलकत्ता के टाटा मेडिकल सेंटर मे दौरान इलाज गुरूवार को दोपहर 12 बजे के लगभग निधन हो गया था। बीएसएफ के 145 बटालियन के एसआई एसआर मंडल उनके पार्थिव शरीर को लेकर शनिवार की भोर लालगंज पहुंचे।
लालगंज एसडीएम सुरेस सोनी,सीओ लक्ष्मीकांत गौतम,प्रभारी निरीक्षक संजय मौर्या ने लालगंज तहसील की सीमा पर पहुंचकर सम्मानजनक तरीके से बीएसएफ के वाहन को लालगंज लेकर आये। सरोज कुमार के पार्थिव शरीर के इंतजार मे तीन दिन से लोग बैठे हुये थे। जैसे ही सरोज मौर्या का पार्थिव शरीर पूरे बाबा पहुंचा लोगो की आंखे नम हो गयी। बीएसएफ के एसआई एसआर मंडल ने बताया कि डेढ माह पूर्व वह बीमार पड गये थे।
अस्पताल ले जाया गया
जब उन्हे अस्पताल ले जाया गया तो चिकित्सको ने उनकी किडनी मे स्टोन बताया। उन्हे टाटा मेडिकल सेंटर कलकत्ता मे भर्ती कराया गया,लेकिन अथक प्रयासो के बाद भी उन्हे बचाया नही जा सका। उनके चचेरे भाई मुकेस मौर्या ने बताया कि रविवार को उन्हे उनके पिता की समाधि के पास ही समाधिष्थ किया जायेगा। 1992 मे सरोज कुमार मौर्या बीएसएफ मे सिपाही के पद पर भर्ती हुये थे। उनकी पदोन्नति हवलदार के पद पर हो गयी थी। 26 वर्ष की नौकरी के बाद उनके असामायिक निधन से उनकी मां फूलमती,पत्नी राजकुमारी,पुत्र कुलदीप व कौशलेन्द्र सहित पुत्री कविता बेसहारा हो गयी है।