लखनऊ। आज लखनऊ विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग की तरफ से Saturday Seminar का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में दर्शनशास्त्र विभाग की शोधछात्रा आरती पटेल ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उनके द्वारा प्रस्तुत व्याख्यान का विषय “केल्सन के शुद्ध विधि का सिद्धान्त” था।
उन्होंने अपने व्याख्यान में ‘हेन्स केल्सन’ द्वारा विधि और विधिशास्त्र पर चर्चा की और यह बताया गया कि, ‘शुद्ध विधि का सिद्धान्त’ कोई बहुत नई खोज नहीं थी।इसके साथ-साथ केल्सन के द्वारा अपने पूर्व विचारकों के द्वारा प्रस्ततु विचारों को स्पष्ट और आलोकित करने का प्रयास किया।
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इस सिद्धात ने विधिशास्त्र से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को अन्य सामाजिक, वैज्ञानिक, अनुशासनों से पृथक करके देखने का साहस किया और इस आधार पर इसे पुष्ट भी किया गया तथा शुद्ध विधि के सिद्धान्त का विहंगात्मक अवलोकन किया गया।केल्सन के नियामक एवं मूल नियामक के सिद्धांतों को स्पष्ट करने के साथ-साथ अन्य राजनीतिक विचारकों के साथ तुलनात्मक विचार भी प्रस्तुत किये।
इस सेमिनार में दर्शनशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्क्षा डॉ रजनी श्रीवास्तव एवं अन्य विभागीय शिक्षक डॉ राजेंद्र कुमार वर्मा, डॉ प्रशान्त शुक्ला, उपस्थित रहे। इसके साथ ही दर्शनशास्त्र विभाग के शोध छात्रों के साथ-साथ स्नातक एवं परास्नातक के छात्र भी उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम मे दर्शनशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ रजनी श्रीवास्तव एवं समन्वयक विभाग के शोधछात्र अनुज कुमार मिश्रा, सह समन्वयक एवं रिपोर्ट राइटर विभाग की शोधछात्रा इरम खान रहीं।
कार्यक्रम का संचालन विभाग की शोध छात्रा शीतल शर्मा के द्वारा किया गया। इसके साथ-साथ विभाग के अन्य छात्रों उदय प्रकाश, विवेक रावत ने कार्यक्रम के सफलता पूर्वक आयोजन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।