लखनऊ। उपलब्धियों के क्रम में अनेक राष्ट्रीय कीर्तिमान उत्तर प्रदेश के नाम दर्ज हुए है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित लोक अदालत में सर्वाधिक वादों के निस्तारण में उत्तर प्रदेश राज्य को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। जिसके उपलक्ष्य में इन जनपद न्यायाधीशगण व सचिवगण को राजभवन में सम्मानित किया गया। राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भण्डारी ने राजभवन के गांधी सभागार में राष्ट्रीय लोक अदालत में सर्वाधिक वादों के निस्तारण में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जनपद न्यायाधीशगण एवं सचिवगण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को उनके उत्कृष्ट कार्यों हेतु सम्मानित किया।
सम्मान समारोह में राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को उचित न्याय और कानूनी सहायता दिलाने के लिए राष्ट्रीय,राज्य,जनपद स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई है। गरीब, अशिक्षित,पिछड़ों, वंचितों और शोषितों को कानूनी अधिकारों तथा न्याय दिलाने में विधिक सेवा प्राधिकरण मदद करते हैं। जिन न्यायाधीशों व सचिवों का सम्मान किया गया है,उन्होंने लोक अदालत के माध्यम से गरीब व वंचित लोगों को ज्यादा से ज्यादा न्याय देकर कीर्तिमान स्थापित किया है। उनके कार्य अनुकरणीय एवं प्रशंसनीय हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोक अदालतों में अधिक मुकदमें निपटने से कानून व्यवस्था की स्थिति भी सुदृढ़ होती है।
राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से बारह लाख से अधिक मुकदमों का निस्तारण किया जाना त्वरित न्याय की संकल्पना को साकार करता है तथा आम जनता के प्रति संवेदनशीलता और जनकल्याण की भावना को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह दो थाना दिवस व दो तहसील दिवसों का निर्धारण किया गया है। इनके माध्यम से समस्याओं के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं। लोक अदालतों की इस सार्थक पहल में राज्य सरकार द्वारा सहयोग प्रदान किया गया है। भविष्य में भी राज्य सरकार लोक अदालतों द्वारा त्वरित न्याय दिलाए जाने की प्रतिबद्धता के सम्बन्ध में हर सम्भव सहयोग करती रहेगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं व बालिकाओं से सम्बन्धित अपराधों के प्रति संवेदनशील है।
न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भण्डारी जी ने कहा कि राज्य की प्रगति और विकास में न्यायिक व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान है। न्यायिक व्यवस्था में वादों का त्वरित निस्तारण न्याय हित में है। लोक अदालतों के माध्यम से न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकता है। इस अवसर पर विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक,इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ खण्डपीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी,उच्च न्यायालय विधिक सेवा उप समिति लखनऊ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा,मुख्य सचिव आरके तिवारी,अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता,प्रमुख सचिव न्याय पीके श्रीवास्तव, महानिबन्धक उच्च न्यायालय आशीष गर्ग सहित सभी सम्मानित न्यायाधीशगण एवं सचिवगण उपस्थित रहे।