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साहित्य समाज का दर्पण ही नहीं, वास्तविक चित्रण भी करता है : केसरीनाथ त्रिपाठी

प्रयागराज/लखनऊ। साहित्य समाज का दर्पण ही नहीं, उसका वास्तविक चित्रण करता है। समाज को हमेशा गतिशील रखने में साहित्यकारों की अहम भूमिका है। आज के साहित्यकार अनेक कठिनाइयों से गुजरते हुए लेखन करते हैं, जो प्रेरणादायी है। उक्त विचार पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने व्यक्त किए। वह साहित्यिक संस्था गुफ्तगू द्वारा हिदुस्तानी एकेडेमी में आयोजित ‘गुफ्तगू साहित्य समारोह-2020’ के तहत अकबर इलाहाबादी, बेकल उत्साही, सुभद्रा कुमारी चौहान, कुलदीप नैयर और सीमा अपराजिता सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कविताओं का सृजन तो कवि कर रहा है, लेकिन उसको प्रकाशित करवाने के लिए उसे परेशान होना पड़ रहा है, ठीक ढंग से रचनाओं का प्रकाशन नहीं हो पा रहा है।

गुफ्तगू ने लगातार 17 वर्षों से काम करके एक मिसाल कायम की है। समालोचक रविनंदन सिंह ने कहा कि प्रत्येक वर्ष देशभर के साहित्यकारों का गुफ्तगू द्वारा सम्मानित करना अच्छी परंपरा है। संस्था के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद गाजी ने कहा कि रचनाकार अपने अच्छे लेखन ही खुद को प्रतिष्ठापित कर सकता है। वरिष्ठ पत्रकार मुनेश्वर मिश्र ने समारोह को प्रेरणादायी बताया। अध्यक्षता कर रहीं डॉ. सरोज सिंह ने कहा कि कविता के अलावा अन्य विधाओं पर कार्य करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में जया मोहन की कहानी संग्रह ‘पारसी थाली’ का विमोचन हुआ। संचालन मनमोहन सिंह ‘तन्हा’ ने किया। द्वितीय सत्र मुशायरा हुआ, जिसमें नरेश कुमार महरानी, प्रभाशकर शर्मा, अनिल मानव, डॉ. नीलिमा मिश्रा, नीनामोहन श्रीवास्तव, संजय सक्सेना, शैलेंद्र जय, रेशादुल इस्लाम, संजय सागर, दयाशकर प्रसाद, रामशकर पटेल, राजेश केसरवानी, रचना सक्सेना, ममता सिंह, हिमाशु मेघवाल और रमेश नाची ने कलाम पेश किया। डॉ. अंजना सिंह सेंगर सहित 7 कवियों को सुभद्रा कुमारी सिंह चौहान सम्मान मिला।

डॉ. अंजना सिंह सेंगर को मिला सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान

इन विभूतियों को मिला सम्मान : नोएडा की डॉ. अंजना सिंह सेंगर, प्रयागराज की डॉ. ताहिरा परवीन, हावड़ा की लिपिका साहा, पटना की डॉ. शहनाज फातमी, जयपुर की उर्वशी चौधरी, हैदराबाद की खुशबू परवीन, जमशेदपुर की डॉ. शैल कुमारी तिवारी को सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान मिला। डॉ. असलम इलाहाबादी को अकबर इलाहाबादी सम्मान दिया गया। प्रयागराज के सागर होशियारपुरी, गाजीपुर के मासूम रजा राशदी, वाराणसी के डॉ. राकेश मित्र ‘तूफान’, लखनऊ के अनुराग मिश्र ‘गैर’, कोटा के डॉ. रामावतार मेघवाल, नई दिल्ली के सलिल सरोज, मैनपुरी के विजय प्रताप सिंह को बेकल उत्साही सम्मान दिया गया। सुरेंद्र प्रताप सिंह, अशफाक सिद्दीकी, ईश्वर शरण शुक्ल, प्रदीप कुमार गुप्त को कुलदीप नैयर सम्मान मिला। प्रयागराज की पूजा कुमारी रुही एवं प्रीति अरुण त्रिपाठी, लखनऊ की गीता कैथल, लखीमपुर खीरी की वंदना शर्मा और पूर्णिया की रानी कुमारी को सीमा अपराजिता सम्मान मिला।

कर्मभूमि में सम्मान पाकर गौरवांवित : नोयडा निवासी डॉ. अंजना सिंह सेंगर ने बताया कि अपनी कर्मभूमि में पंडितजी के हाथों सम्मान पाकर काफी गौरवांवित महसूस कर रही हूं। हमारे लिए विगत में मिले सम्मानों से कहीं बढ़कर इसकी अहमियत है। डॉ. अंजना सिंह ने बताया कि उनको प्रयागराज में सेवा करने का सौभाग्य मिला था। डॉ. अंजना ने अब तक ‘मन के पंख’, ‘जुगनू की जंग’, ‘अगर तुम मुझसे कह देते’, ‘अगर तुम मुझसे कह देते (उर्दू)’ और ‘हिचकियां अंजना की’ प्रकाशित हो चुकी हैं। आपको 8वें एशियाई लिट्रेरी अवार्ड, दुबई, 26वां आशीर्वाद राजभाषा सारस्वत सम्मान, मुंबई, डॉ. गोपालदास नीरज गीत रत्न सम्मान-2019 और राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा साहित्य गौरव सम्मान-2018 समेत अब तक तीन दर्जन साहित्यिक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।

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