कृषि कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य व मंडी समिति की समाप्ति का एक शब्द भी नहीं है। पिछले छह वर्षों में कृषि मंडी व्यवस्था को पारदर्शी व आधुनिक बनाने का कार्य किया गया। डेढ़ सौ से पौने दो सौ प्रतिशत अधिक कृषि उत्पाद खरीद का कीर्तिमान कायम किया गया। स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुरूप न्यूनतम समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना वृद्धि की गई। कृषि कानून में जमीन नहीं केवल उपज का उल्लेख है।
निष्प्रभावी होगा दुष्प्रचार
सरकार किसानों का लाभ बढ़ाना चाहती है। इसके बाद भी दुष्प्रचार किया गया। कानून में जो लिखा ही नहीं गया, उसको ही मुद्दा बनाया गया। कहा गया कि मंडी समिति न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था समाप्त हो जाएगी, किसान की जमीन पूंजीपति छीन लेंगे।लेकिन अब देश के किसान इस दुष्प्रचार को समझने लगे है। उनको सरकार की नेकनीयत और कृषि कानून में उल्लेखित व्यवस्था पर विश्वास है।
सरकार के सराहनीय कार्य
यह वही सरकार है जिसने कृषि उत्पाद की सर्वाधिक खरीद का रिकार्ड बनाया,यूरिया की कालाबाजारी रोकी किसानी सम्मान निधि का लाभ किसानों को मिल रहा है। सरकार कृषि कानून के जरिए वह किसानों की आय दोगुनी करना चाहती हैं। किसानों को गुमराह किया जा रहा है। ऐसे लोग किसानों का अहित कर रहे है।
समर्थन में लामबंद
इसलिए अब कृषि बिल के समर्थन में किसान लामबंद हो रहे है। हिन्द मजदूर किसान समिति के नेतृत्व में कृषि बिल के समर्थन में किसानों व मजदूरों ने मुजफ्फरनगर से गाजियाबाद तक कृषि बिल समर्थन यात्रा निकाली। इस अवसर पर केन्द्रीय पशुपालन एवं मत्स्य राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि कृषि कानून किसानों के हित में है। लेकिन विपक्ष के लोग किसानों को बहका रहे हैं। समिति के अध्यक्ष राजपाल सिंह ने कहा कि वह इस कांनून को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करते हैं। इसके समर्थन में समिति के पदाधिकारियों ने केन्द्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात भी कर चुके है।
कृषि कानून के समर्थन में मुजफ्फरनगर से यात्रा शुरू हुई। यह बिजनौर,बागपत से होते हुए गाजियाबाद इन्दिरापुरम स्थित रामलीला मैदान पहुंची। कृषि बिल समर्थन यात्रा जिस जिले से होकर निकली वहां से हजारों की संख्या में किसान व मजदूर इसमें शामिल होते चले गए। किसान नेता शैलेन्द्र ने कहा कि किसान कृषि कानून को स्वीकार करते हैं। कृषि बिल आने से मण्डी के दलाल खत्म हो जाएंगे। किसानों को सीधा फायदा होगा। किसान नेता सुनील ने कहा कि किसान आन्दोलन में वह कौन लोग हैं,जो देश को तोड़ने का काम कर रहे है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।