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LU : आठ दिनों तक मूर्ति कला विभाग की ओर से अर्थ वर्क का आयोजन आज से शुरु

महाविद्यालय में वर्ष 2004 में मूर्तिकला विभाग में प्रो० पी. राजीवनयन के निर्देशन में एक अर्थ वर्क की वर्कशाप आयोजित किया गया था, जिसकी…..

लखनऊ। स्थानीय कला एवं शिल्प महाविद्यालय, ललित कला संकाय लखनऊ विश्वविद्यालय दिनांक 09 मई से 16 मई 2022 तक मूर्तिकला विभाग द्वारा अर्थ वर्क (Installation) वर्कशाप का आयोजन किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत मूर्तिकला, फाइन आर्ट्स एवं कामर्शियल आर्ट्स विभाग के शिक्षक एवं छात्र भाग ले रहे हैं।

LU : आठ दिनों तक मूर्ति कला विभाग की ओर से अर्थ वर्क का आयोजन आज से शुरु

इस अवसर पर प्रधानाचार्य प्रो. आलोक कुमार ने बताया कि दृश्य कलाओं के नवीन प्रदर्शनों में Installation Art का बहुत महत्व है। दुनिया के कई भागों में प्रमुख कलाकारों ने समकालीन कला की नवीन विधाओं यथा:- इन्स्टालेशन आर्ट, वीडियो आर्ट, अर्थ वर्क, फायर वर्क आदि के द्वारा कला सृजन की नवीन • सम्भावनाओं के लिए मार्ग प्रशस्त्र किया भारत में तीज त्यौहार पूजा-पाठ, उत्सव आदि में इन्स्टालेशन एक परम्परा के रूप में शामिल रहा है।

एक ओर जहाँ चित्रकला द्विआयामी सतह पर अपनी छवियां प्रस्तुत करती है तो दूसरी ओर मूर्तिकला में त्रिआयामी रूपाकारों का वास्तविक स्वरूप प्रदर्शित किया जाता है। इन्स्टालेशन में कलाकृति को एक घटना के रूप में दर्शकों के समक्ष घटित होते हुए दिखाया जाता है, जिसमें छवि, प्रकाश साउन्ड तथा सजीव प्रदर्शन भी शामिल किया जाता है। इसी की अगली कड़ी में अर्थ वर्क में जमीन की गहराई, लम्बाई, चौडाई एवं ऊँचाई भी इसमें शामिल होकर इन्स्टालेशन के स्वरूप को एक नया आयाम देती है।

महाविद्यालय में वर्ष 2004 में मूर्तिकला विभाग में प्रो० पी. राजीवनयन के निर्देशन में एक अर्थ वर्क की वर्कशाप आयोजित किया गया था, जिसकी सफलता की चर्चा अनेक वर्षों तक कला के क्षेत्र में होती रही। इस बार इस पूरे वर्कशाप में पॉच प्रोजेक्ट किये जाने की योजना है जिन्हें छात्रों का समूह अपने शिक्षकों के मार्गदशन में पूरा करेगा। इस वर्कशाप में भाग लेने वाले शिक्षक -डॉ. सजीव किशोर गौतम, रविकान्त पाण्डेय, शत्रुघ्न कुमार गुप्ता, संजय कुमार, दिनेश कुमार अमर नाथ गौड़, अतुल हुन्ड्, सुगन्धा महेश्वरी, अमृत सिन्हा तथा इसका डाक्यूमेन्टेशन सुजीत कुमार एवं शोभा द्वारा किया जायेगा इसके Concept writing तथा Editing का कार्य बलराम शर्मा कर रहे हैं।

कार्यशाला की संयोजिका डॉ. विभावरी सिंह जी ने बताया कि प्रो. आलोक कुमार के निर्देशन में आयोजित होने वाले इस वर्कशाप को लेकर छात्र तथा कलाप्रेमी दर्शकों के बीच में अत्यधिक उत्साह है। कार्यशाला प्रतिदिन प्रातः 8.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक चलेगी। आज प्रथम दिन छात्रों ने अपनी प्रस्तुतियां दिया तथा शिक्षकों के निर्देशन में छात्रों ने अपने प्रोजेक्ट का स्केच प्लान तैयार करने में जुट गये छात्रों का एक समूह भूमि तैयार करने में लगा है। टेक्सटाइल के एक छात्र ने पीले फूलों का आवरण धारण कर धरती बचाने का सन्देश दिया।

 

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