लखनऊ विकास प्रधिकरण (एलडीए) प्रशासन ने पुलिस के सहयोग से गुरुवार की सुबह डालीबाग कॉलोनी में पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे वाली इमारतों को ध्वस्त किया है। ये दोनों भवन मुख्तार अंसारी की मां के नाम थे। बताया जा रहा है कि वर्तमान में यळ इमारत उनके दोनों बेटों के नाम था। यह आदेश 11 अगस्त को जारी हुआ था।
शासन सूत्रों की मानें तो जिस समय में ये बिल्डिंग बनाई गई, उस समय के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जायेगी। इतना ही नहीं अवैध कब्जे धारकों से बिल्डिंग ढहाने पर आए खर्च की भी वसूली की जायेगी।
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी ने निष्क्रांत सम्पति पर कब्जा किया था, यानी यह सम्पति जिसके स्वामी 1956 से पहले भारत से पाकिस्तान चले गये थे।
गुरुवार सुबह विधायक मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे को खाली कराने के लिए एलडीए की टीम पूरी तैयारी से डाली बाग स्थित अवैध कब्जे वाले स्थान पर पहुंची। उनके साथ 250 से अधिक पुलिसकर्मी और 20 से अधिक जेसीबी लगी रहीं।
एलडीए अधिकारियों ने गेट का ताला तोड़कर और वहां बने इमारतों से सामान को बाहर निकाल कर धवस्तीकरण की कार्रवाई की गयी। इस दौरान मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास व उमर अंसारी के टावर पर झड़प भी हुई,जिसके बाद पुलिस ने उन्हें भगाया। दोनों पर शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर दो मंजिला इमारत बना ली गयी थी। इससे पहले ये निर्माण राबिया अंसारी के नाम थी। बाद में ये मुख्तार के दोनों बेटों के नाम हुआ।
एलडीए की संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बताया कि नगर विकास अधिनियम की धारा 27 के तहत कार्रवाई की गई है। 11 अगस्त को शस्त्रीकरण आदेश जारी किया गया था। बताया कि अवैध कब्जा धारकों के खिलाफ जिला प्रशासन की ओर से एफआईआर भी कराया गया था। बार—बार कहे जाने पर भी अवैध निर्माण नहीं हटाया गया तो आज ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है। बताया कि विकास प्राधिकरण के नियमावली के तहत ही कार्यवाही की गई है।
उल्लेखनीय है कि बाहुबली और माफियाओं की बेनामी संपत्तियों की जांच में जुटे अधिकारियों ने मुख्तार अंसारी के परिवारों की अवैध संम्पतियों पर शिकंजा कसा। हजरतगंज व उससे जुड़े इलाकों की 19 संपत्तियों में अब मुख्तार को खंगाला जा रहा है। इसमें बारह संपत्तियां हजरतगंज-रामतीर्थ वार्ड और नौ संपत्तियां राजा राममोहन राय वार्ड में हैं। एलडीए ने पिछले माह लालबाग में बाहबुली मुख्तार अंसारी से जुड़े एक अवैध निर्माण का बेसमेंट को सील किया था। ये इमारत रईस अहमद के नाम पर थी जबकि सूत्र बताते हैं कि यह इमारत मुख्तार अंसारी का नाम था।