इस अंतःविषय कार्यशाला में बीएचयू, डीआरडीओ, केजीएमयू, बीबीएयू, लखनऊ, ईआरए, इंटीग्रल, इग्नू अमरकंटक विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रो. मोनिशा बनर्जी, निदेशक, आईएएमजीआईडी और उनकी शोध टीम ने रीयल-टाइम पीसीआर, एचपीवी परीक्षण, आनुवंशिक विश्लेषण, सेल्युलर एसेज़, एंटीकैंसर ड्रग परीक्षण का व्यावहारिक अनुभव दिया।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Saturday, 12 March, 2022
लखनऊ। आणविक और मानव आनुवंशिकी प्रयोगशाला (MHG) के सहयोग से उन्नत आणविक आनुवंशिकी और संक्रामक रोग संस्थान (IAMGID), ONGC उन्नत अध्ययन केंद्र की ओर से आयोजित आणविक आनुवंशिकी में उन्नत तकनीकों पर तीन दिवसीय व्यावहारिक कार्यशाला (10-12 मार्च, 2022) , जूलॉजी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
इस अंतःविषय कार्यशाला में बीएचयू, डीआरडीओ, केजीएमयू, बीबीएयू, लखनऊ, ईआरए, इंटीग्रल, इग्नू अमरकंटक विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रो. मोनिशा बनर्जी, निदेशक, आईएएमजीआईडी और उनकी शोध टीम ने रीयल-टाइम पीसीआर, एचपीवी परीक्षण, आनुवंशिक विश्लेषण, सेल्युलर एसेज़, एंटीकैंसर ड्रग परीक्षण का व्यावहारिक अनुभव दिया।
उन्नत आणविक आनुवंशिकी कार्यशाला के तीसरे दिन, प्रतिभागियों ने सेल इमेजिंग तकनीकों का उपयोग करके कैंसर सेल लाइनों पर दवा उपचार के प्रभाव को देखा। इस तीन दिवसीय व्यापक कार्यशाला का समापन मुख्य अतिथि प्रो. कमल जायसवाल, बीबीएयू, लखनऊ के फीडबैक सत्र और प्रमाण पत्र के वितरण के साथ हुआ, जिसमें प्रो. सिराजुद्दीन, निदेशक, ओसीएएस, डॉ. सुचित स्वरूप और संसाधन कर्मियों ने भाग लिया।