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75वें सेना दिवस के मौके पर मनोज पांडे ने कहा- ड्रोन के माध्यम से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी का प्रयास

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने 75वें सेना दिवस के मौके पर बेंगलुरू में कहा कि जम्मू और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी का प्रयास जारी है। ऐसी गतिविधियों के खिलाफ काउंटर-ड्रोन जैमर और अन्य उपकरण उपयोग में लाए गए हैं।

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सेना प्रमुख ने कहा कि पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम जारी है और संघर्षविराम उल्लंघनों में कमी आई है। लेकिन सीमा पार अभी भी आतंकी ढांचा बना हुआ है। हमारा घुसपैठ रोधी ग्रिड वहां से घुसपैठ को लगातार नाकाम कर रहा है।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के अंदर के इलाकों में सुधार देखा गया है। स्थानीय आबादी ने हिंसा को खारिज कर दिया है, और सकारात्मक परिवर्तनों का स्वागत किया है, सभी सरकारी पहलों में उत्साहपूर्वक भाग लिया है।

उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति सामान्य रही है और स्थापित प्रोटोकॉल और मौजूदा तंत्र के माध्यम से शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। एलएसी पर एक मजबूत रक्षा मुद्रा बनाए रखते हुए, हम किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

जनरल पांडे ने कहा कि कठिन क्षेत्र और खराब मौसम के बावजूद, हमारे बहादुर जवान वहां तैनात हैं। उन्हें सभी प्रकार के हथियार, उपकरण और सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में दी जा रही हैं। स्थानीय प्रशासन, अन्य एजेंसियों और सेना के संयुक्त प्रयासों से बुनियादी ढांचे के विकास में सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल सेना ने सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का दृढ़ता से सामना किया और सीमाओं की सक्रिय और मजबूती से सुरक्षा सुनिश्चित की। सेना ने क्षमता विकास, बल पुनर्गठन और प्रशिक्षण में सुधार के लिए कदम उठाए। इसने भविष्य के युद्धों के लिए अपनी तैयारियों को और मजबूत किया।

जनरल पांडे ने कहा कि हालांकि सुरक्षा बलों के प्रयासों से हिंसा में कमी आई है, कई प्रॉक्सी आतंकवादी संगठनों ने दृश्यता हासिल करने के लिए लक्षित हत्याओं की तकनीक का सहारा लिया है। सेना, अन्य सुरक्षा बलों के साथ, ऐसे सभी प्रयासों को विफल करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थिति में निश्चित सुधार हुआ है। भारतीय सेना ने हिंसा के स्तर को कम करने और विद्रोहियों को हिंसा का रास्ता छोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अधिकांश विद्रोही समूहों ने सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

बता दें कि पहली बार आर्मी डे परेड और इससे जुड़े अन्य कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बाहर आयोजित किए जा रहे हैं। मनोज पांडे ने कहा कि दिल्ली से बाहर आर्मी डे परेड ने सेना को लोगों से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर दिया है। मुझे विश्वास है कि इससे हमारे संबंध और भी मजबूत होंगे।

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