- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday, July 13, 2022
लखनऊ। आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सुलतानपुर रोड के पास शहीद पथ के बगल में सुशांत गोल्फ सिटी में करीब 2 हजार करोड़ रुपये की लागत से लगभग 11 एकड़ इलाके में बना उत्तर भारत का सबसे बड़ा लुलु नाम का मॉल बीती ईद पर हुए उद्घाटन के बाद आम जनता के लिए खुल गया है.
लुलु मॉल के मालिक केरल निवासी एमए यूसुफ अली हैं, जो लुलु ग्रुप इंटरनैशनल नाम की एक मल्टीनेशनल कंपनी के चेयरमैन हैं जिसका हेडक्वार्टर संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी आबू धाबी में है. बताते चलें कि लुलु अरबी का शब्द है जिसका मतलब मोती होता है. लुलु ग्रुप का सालाना टर्नओवर लगभग 8 अरब डॉलर का है.लुलु ग्रुप का बिजनेस मध्य पूर्व, एशिया, अमेरिका और यूरोप में समेत 22 देशों में है जिसमें करीब 57 हजार लोगों को रोजगार मिला है. भारत में कोच्चि, बेंगलुरू और तिरुवनंतपुरम के बाद लुलु ग्रुप का यह चौथा मॉल है.
लुलु मॉल लखनऊ आम जनता के लिए खुल तो गया है लेकिन लखनऊ के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासिनी आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा की आरटीआई पर पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के जन सूचना अधिकारी द्वारा दिए गए जवाब से इस मॉल की अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद होने पर संदेह के बादल मंडराने लगे हैं.
दरअसल एक्टिविस्ट उर्वशी ने बीते जून महीने की 12 तारीख को पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के जन सूचना अधिकारी को आरटीआई अर्जी देकर लखनऊ स्थित लुलु इंडिया शौपिंग मॉल प्राइवेट लिमिटेड के मॉल की फायर सेफ्टी व्यवस्था के सम्बन्ध में सूचना मांगी थी. पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के जन सूचना अधिकारी और अपर पुलिस उपायुक्त मुख्यालय कमिश्नरेट लखनऊ श्रवण कुमार सिंह ने बीती 6 जुलाई को उर्वशी को पत्र जारी किया है और अपने इस पत्र के साथ लखनऊ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी विजय कुमार सिंह की बीती 29 जून की आख्या नत्थी करके उर्वशी को भेजी है.
एक्टिविस्ट उर्वशी बताती हैं कि विजय कुमार सिंह की आख्या से स्पष्ट है कि विजय ने सूचना का अधिकार नियमावली के नियम 4(8) के तहत लुलु मॉल लखनऊ के प्रबंधक/भवन स्वामी को आरटीआई कानून की धारा 11 का नोटिस गिया था जिसका लिखित उत्तर लुलु मॉल लखनऊ के प्रबंधक/भवन स्वामी ने बीती 23 जून को बाकायदा पत्र लिखते हुए विजय को दिया है.
विजय कुमार सिंह ने अपनी आख्या में स्पष्ट रूप से लिखा है कि लुलु मॉल लखनऊ के प्रबंधक/भवन स्वामी ने बीती बीती 23 जून के पत्र द्वारा लुलु मॉल की अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी सूचनाओं को गोपनीय मानते हुए इन सूचनाओं को एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा को आरटीआई में देकर सार्वजनिक करने में असहमति व्यक्त की है.
उर्वशी कहती हैं कि लुलु मॉल के मालिक युसुफ अली और जनरल मैनेजर समीर वर्मा द्वारा लोगों को लुलु मॉल आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर दावा किया जा रहा है कि मॉल में एक साथ 50 हज़ार लोग शॉपिंग कर सकते हैं, 16 हज़ार लोग बैठकर फूड कोर्ट में एक साथ खाना खा सकते हैं, पार्किंग में तीन हजार गाड़ियां पार्क हो सकती हैं और 11 स्क्रीन वाला पीवीआर सुपरप्लेक्स है, मॉल में गर्भवतियों और दिव्यांगों के लिए अति विशिष्ट सुविधायें हैं, लेकिन एक बंद जगह में एक साथ इतनी बड़ी तादात में इकट्ठी होने वाली आम जनता को उनके जीवन की सुरक्षा से जुड़े इतने अहम सवाल कि आखिर इस मॉल की फायर सेफ्टी की व्यवस्था चाक चौबंद है कि नहीं, को आम जनता से ही छुपाया जा रहा है जो इस मॉल के स्वामी और प्रबंधक के वैचारिक और व्यवहारिक दोगलेपन को सामने ला रहा है. बकौल उर्वशी, मॉल एक सार्वजनिक स्थान है और आम जनता को यह जानने का पूरा हक़ है कि जिस मॉल में वह जा रहा रहे हैं आखिर वह ढांचागत और फायर सेफ्टी के लिहाज़ से उनके लिए सुरक्षित है या नहीं है.
जो जितना बड़ा होता है उसकी जिम्मेदारी भी उतनी ही बड़ी होती है, की बात कहते हुए उर्वशी ने युसुफ अली और समीर वर्मा को अल्ट्रा हाई एथिक्स के साथ व्यापार करने की सलाह सार्वजनिक रूप से दी है. साथ ही उर्वशी ने सूबे के सीएम से सार्वजनिक रूप से अपेक्षा की है कि वे वृहद लोकहित में आम जन के जीवन की सुरक्षा से जुड़े इस मामले में दखल देकर लुलु मॉल लखनऊ की ढांचागत सुरक्षा और अग्निशमन सुरक्षा की मानकों के अनुसार जांच कराकर इसकी पूरी जानकारी सम्बंधित सरकारी विभागों की वेबसाइटों के साथ-साथ लुलु मॉल लखनऊ की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित करायेंगे.