- Written by– Dr. Dilip Agnihotri, Published by- @MrAnshulGaurav, Monday, 28 Febraury, 2022
विदेश और आंतरिक नीति दोनों में राष्ट्रीय हित सर्वोच्च होते हैं। यह स्थायी तत्व माना जाता है। यूक्रेन रूस मसले पर भारत अंतरराष्ट्रीय शांति के साथ ही राष्ट्रीय हितों के संरक्षण की नीति पर अमल कर रहा है। इसी समय उत्तर प्रदेश में चुनाव चल रहे है। भाजपा चाहती है कि इस बार भी यहां राष्ट्रवादी सरकार बने। मतदाताओं तक यह सन्देश पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इस माहौल में भी नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था में लगे है। मोदी और योगी दोनों ने आपदा प्रबंधन में अपनी क्षमता पहले भी प्रमाणित की है। दोनों नेता एक बार फिर राष्ट्र हित के कई मोर्चों पर एक साथ कार्य कर रहे है।
गुजरात में भूकम्प त्रासदी के समय नरेंद्र मोदी ने आपदा प्रबंध की मिसाल कायम की थी। इसकी सराहना दुनिया में हुई थी। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस दौरान, अनेक विकसित देशों ने मोदी के आपदा प्रबंधन को देखने समझने के लिए विशेषज्ञों की टीम भेजी थी। इतना ही नहीं मोदी ने भूकम्प प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण का भी विलक्षण कार्य किया था। प्रधानमंत्री के रूप में भी उनकी यह क्षमता कई बार दिखाई दी। उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर की प्राकृतिक आपदा, मध्य पूर्व संकट के दौरान भारतीयों की सकुशल वापसी के समय भी बेहतरीन प्रबंधन देखने को मिला था। संकट ग्रस्त क्षेत्रों से अपने नागरिकों को सकुशल निकालने के लिए विकसित देशों ने भी नरेंद्र मोदी से सहयोग मांगा था।
कोरोना संकट के दौरान भी नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के प्रबंधन की दुनिया में सराहना हुई थी। इस बार यूक्रेन संकट में भी यह दिखाई दे रहा है। इस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव चल रहे है। यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। मतदाताओं को अगले पांच वर्ष के लिए उत्तर प्रदेश के भविष्य पर निर्णय लेना है। चुनाव प्रचार पूरी गति से आगे बढ़ रहा है। इसके बावजूद, मोदी और योगी ने यूक्रेन से भारतीयों की सकुशल वापसी को प्राथमिकता दी। इसके दृष्टिगत सरकार ने व्यापक प्रबंध किए है।
अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका भी सामने है। इस समय नरेंद्र मोदी को अकेला ऐसा नेता माना गया जो उस क्षेत्र में शांति के लिए योगदान कर सकता है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी नरेंद्र मोदी से बात करते है। यूक्रेन के भारत में राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि नई दिल्ली और मास्को के बीच विशेष रणनीतिक संबंध हैं। परिस्थितियों को नियंत्रित करने में भारत सक्रिय भूमिका निभा सकता है। उन्होंने नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया कि वह तुरंत रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को समझाने का प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी दुनिया के सम्मानित और शक्तिशाली नेता हैं। उनका दुनिया में प्रभाव व सम्मान है। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों तक सड़क मार्ग के अलावा हवाई रास्ते का भी इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इस पर आने वाला पूरा खर्च भी भारत सरकार ही उठाएगी। इसके बाद तय हुआ है कि एयर इंडिया यूक्रेन में फंसे लोगों को निकालने के लिए रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के लिए दो उड़ानों का संचालन कर रही है। सड़क मार्ग से यूक्रेन और रोमानिया की सीमा तक पहुंचे भारतीय नागरिकों को भारत सरकार के अधिकारी बुखारेस्ट ले जाएंगे, जहां से उन्हें एयर इंडिया की उड़ानों के जरिए वापस भारत लाया जाएगा।
इससे पहले भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया के रास्ते दिल्ली लाने की योजना बनाई थी। इसके लिए इन देशों की यूक्रेन के साथ सटी सीमाओं पर विशेष भारतीय प्रतिनिधियों की तैनाती की गयी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पश्चिमी यूक्रेन के लीव व चेर्निवित्सी शहरों में अपने शिविर कार्यालय चालू कर दिये हैं। इन शिविर कार्यालयों में रूसी भाषा बोलने वाले अधिकारियों की अतिरक्त तैनाती की गयी है। इस तैयारी के बाद शुक्रवार को चेर्निवित्सी से भारतीय छात्रों का पहला जत्था यूक्रेन और रोमानिया की सरहद के लिए रवाना हुआ। रोमानिया पहुंचने के बाद इन्हें विशेष विमान से भारत लाया जाएगा।
इधर योगी सरकार यूक्रेन से प्रदेश के लोगों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। इसके लिए कार्य योजना पर तत्काल प्रभाव से अमल भी प्रारंभ हो गया है। दिल्ली में राज्य सरकार का एक काउंटर स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने इसके लिए एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया है। नोडल अधिकारी केन्द्र सरकार से समन्वय स्थापित करते हुए यूक्रेन से आने वाले उत्तर प्रदेश के लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का प्रबंध करेंगे। इसके लिए उन्हें कोई शुल्क भी नहीं देना होगा। प्रदेश के स्थानिक आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि वह यूक्रेन से वापस आने वाले प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट पर काउंटर स्थापित करें। वह केंद्र सरकार और अन्य समस्त संबंधित से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएंगे।
कोरोना आपदा के दौरान भी, योगी सरकार ने कोटा से हजारों विद्यार्थियों व करीब 45 लाख प्रवासी श्रमिकों की वापसी सुनिश्चित्त की थी। इन सभी को सकुशल उनके घर पहुंचाया गया था। संयुक्त राष्ट्र संघ में भी भारत ने शांति कायम करने का आह्वान किया है। रूस द्वारा दो क्षेत्रों को मान्यता देने के बाद अमेरिका व फ्रांस सहित कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र संघ से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की बात कही थी। संयुक्त राष्ट्र संघ ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक आहूत की थी।
संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत ने कहा कि यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों को रूस द्वारा मान्यता देने का फैसला अचानक नहीं लिया गया है। ये फैसला उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की रक्षा और उन्हें बचाने के लिए लिया गया। रूस ने राजनयिक समाधान के लिए कूटनीतिक दरवाजे खोल रखे हैं। साथ ही रूस ने अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों की भूमिका को नकारात्मक करार दिया।संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की। इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)