रायबरेली। बुधवार को Mahavir Prasad Dwivedi (महावीर प्रसाद द्विवेदी) की जयंती पर शहर के राही ब्लाक के प्रांगण में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति रायबरेली द्वारा द्विवेदी जी की प्रतिमा पर उपायुक्त पवन कुमार सिंह पुष्प अर्पित किए।
द्विवेदी युग के जनक हैं Mahavir Prasad Dwivedi
आचार्य Mahavir Prasad Dwivedi (महावीर प्रसाद द्विवेदी) की जयंती पर समिति के अध्यक्ष विनोद शुक्ला जी ने आचार्य जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर आचार्य जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहां कि ‘उन्होने हिंदी साहित्य की अविस्मरणीय सेवा की और अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा और दृष्टि प्रदान की। उनके इस अतुलनीय योगदान के कारण आधुनिक हिंदी साहित्य का दूसरा युग ‘द्विवेदी युग’ (1893–1918) के नाम से जाना जाता है।’
- द्विवेदी जी ने सत्रह वर्ष तक हिन्दी की प्रसिद्ध पत्रिका सरस्वती का सम्पादन किया।
- हिन्दी नवजागरण में उनकी महान भूमिका रही।
- भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन को गति व दिशा देने में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा।
वीडीओ दिनेश कुमार मिश्रा, जनपद के डाक्टर रमेश श्रीवास्तव, विनोद सिंह गौड़, जनपद के वरिष्ठ पत्रकार कपिल दत्त अवस्थी ने उपस्थित लोगों को आचार्य जी के बारे में जानकारी दी। इसी क्रम में जिला बैडमिंटन कमेटी के सचिव विनोद कुमार शुक्ल जी ने आचार्य जी पर पुष्प अर्पित किए एवं लखनऊ से पधारे शिक्षक एवं समिति सदस्य घनश्याम मिश्र जी एवं नीलेश मिश्र ने उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया।
यूथ एक्टिविटी फोरम के अध्यक्ष सुधीर द्विवेदी जी एवं सचिव स्वतंत्र पांडे जी, कृष्णानंद मिश्रा, चंद्रमणि वाजपेई, रामबाबू मिश्रा, अमर द्विवेद, प्रमोद अवस्थी, लंबू बाजपेई, अभिषेक द्विवेदी, दुर्गेश पांडे, सतीश राठौर, अमित सिंह, करुणा शंकर मिश्र उपस्थित रहे एवं पुष्पांजलि अर्पित किए।