सदाकत की गिरफ्तारी और पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विजय चौधरी के मोबाइल की कॉल डिटेल और चैटिंग से पुलिस को कई सनसनीखेज जानकारी हाथ लगी है। पता चला कि उमेश पाल की हत्या की पहले से तैयारी चल रही थी।
कचहरी परिसर में उसे गोलियों से छलनी करना था। सिपाहियों को मारने की जगह उन्हें मिर्ची बम से बेहोश करना था, लेकिन मनसूबे कामयाब नहीं हुए। तीसरे प्रयास में उमेश पाल मारे गए।
इसके बाद शूटरों ने उमेश के घर पर मारने की साजिश रची। वहां पर एक बार प्रयास भी किया। तीसरा प्रयास 24 फरवरी को किया। इस दिन चारों तरफ से घेर कर उमेश पाल को मार डाला। इस बार उमेश को बचाने आने वाले हर किसी को उड़ा देने का आदेश था। इसी कारण से उमेश पाल की सुरक्षा में लगे दोनों सिपाहियों पर गोलियों और बम से हमला कर मार डाला। उमेश पाल के चालक के पास कोई हथियार नहीं था। इसलिए उसे छोड़ दिया था। आरोपियों के पास से बरामद कॉल डिटेल और व्हाट्सएप चैट के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
सूत्रों की मानें तो 21 फरवरी को ही उमेश पाल को मारने के लिए शूटरों ने पूरी तैयारी की थी। उमेश पाल को कचहरी परिसर या उसके बाहर मारना था। उस दिन किसी कारण से प्लानिंग पूरी नहीं हो सकी।