लखनऊ। Khun Khun Ji Girls Degree College, शहीद नंद कुमार पटेल शासकीय महाविद्यालय बिरगांव, रायपुर छत्तीसगढ, छत्तीसगढ़ समाजशास्त्रीय समिति, उत्तर प्रदेश समाजशास्त्रीय समिति तथा शोध समिति, मीडिया स्टडीज, इंडियन सोशियोलॉजिकल सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में ‘सामाजिक मीडिया और समाज- जनतांत्रिक मूल्य और जन विमर्श’ (Social Media and Society – Democratic Values and Public Discussion) विषयक One-Day Online Seminar का आयोजन किया गया।
इस सेमिनार के मुख्य सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर आनंद कुमार, भारतीय समाजशास्त्रीय परिषद के पूर्व अध्यक्ष द्वारा की गई। प्रोफेसर आनंद कुमार ने अपने उदबोधन में बताया कि सोशल मीडिया के प्रभाव से आज दुनिया हमारी मुट्ठी में आ गई है। यह एक बड़ा बाजार बन चुका है I इसने व्यक्ति और समाज को आमने-सामने लाने का काम किया है, जो सूचनाओं पहले सिर्फ अभिजात वर्ग तक ही सीमित थी। उन्होंने कहा कि आज उनकी उपलब्धता सभी वर्गों तक बड़ी है। सोशल मीडिया के प्रभाव स्वरूप नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ियों के बीच में बढ़ता हुआ फासला भी देखने को मिल रहा है I इसलिए वर्तमान समय में सोशल मीडिया पर एक नए विमर्श की आवश्यकता है।
सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रोफेसर राजेश मिश्रा भारतीय समाजशास्त्रीय परिषद के पूर्व सचिव एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर ने अपने वक्तव्य में ओल्ड मीडिया और न्यू मीडिया के बीच अंतर को स्पष्ट करते हुए बताया कि आज के समय में सोशल मीडिया के प्रति लोगों की आसक्ति बड़ी है खास तौर पर मोबाइल का उपभोग 2014 से अब तक बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया ने परिवार, समाज एवं जन विमर्श को प्रभावित किया है। न्यू मीडिया में ओल्ड मीडिया की तुलना में हमें अधिक संभावनाएं देखने को मिलती हैं। वर्तमान में अगर लोग भली भांति सोशल मीडिया के उपयोग में प्रशिक्षित होंगे तो तो यह लोकतंत्र को आगे बढ़ाने का भी कार्य करेगी, लेकिन फेक न्यूज को पहचानने की जरूरत है I विभिन्न समाजशास्त्रीय सिद्धांतों के माध्यम से मीडिया के प्रभाव को रेखांकित भी किया।
सेमिनार के दूसरे विशिष्ट वक्ता डॉ प्रांत प्रतीक पटनायक, असिस्टेंट प्रोफेसर ,डिपार्टमेंट ऑफ़ कल्चर एंड मीडिया स्टडीज स्कूल आफ सोशल साइंसेज, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ राजस्थान ने अपने वक्तव्य में बताया कि आज लोग सोशल मीडिया की लत (एडिक्शन) में आते चले जा रहे हैं साथ ही यह भी कहा कि सोशल मीडिया ही हमें उससे उभरने के उपाय भी प्रस्तुत करती है। इसके अतिरिक्त इन्होंने बताया कि सोशल मीडिया से जो हमारे समाज में परिवर्तन हो रहे हैं कहीं ना कहीं युवा वर्ग ने इसमें अपनी भूमिका निभाई है।
इस सेमिनार में समांतर रूप तकनीकी सत्र भी आयोजित हुए, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। इसमें 22 से भी अधिक शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। जिसमें सोशल मीडिया से नए रोजगार के विकल्प के साथ युवा के दिग्भ्रमित होने संबंधित शोध भी सामने लाए गए I यह भी बताया गया कि कैसे सोशल मीडिया वास्तविक रूप से असोशल बना रहा है।
शहीद नंद कुमार पटेल राजकीय महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो प्रीति शर्मा एवं आभार प्रो अंशु केडिया, प्राचार्या खुन खुन जी गर्ल्स डिग्री कालेज, द्वारा सभी का स्वागत दिया गया I तकनीकी सत्र में अध्यक्षता प्रो प्रीति मिश्रा द्वारा की गई। डॉ सुचित्रा शर्मा एवं डॉ सुनीता अग्रवाल द्वारा फीडबैक के साथ धन्यवाद दिया गया ।सेमिनार के सफल आयोजन में प्रो एल एस गजपाल, प्रो अनीता बाजपेई, डॉ कविता कोजरिया, डॉ अमृता पाठक, प्रो साधना खरे, डॉ सुनीता सतसंगी, डॉ रश्मि कुजूर, डॉ अंशुल सिंह, सहित संपूर्ण संयोजक समिति में सहयोग प्रदान किया।